न्यूज डेस्क । पिछले दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) का हवाला देते हुए इस तरह का दावा किया गया था कि इन संस्थानों ने कोविड 19 टीकों से कई दुष्प्रभावों को स्वीकार किया है । लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार ने इन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हम यह स्पष्ट करते हैं कि मीडिया रिपोर्ट में गलत सूचना है और इसमें गलत जानकारी दी गई है ।
विदित हो कि एक आरटीआई ( RTI ) की जानकारी के जवाब का हवाला देते हुए, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सीडीएससीओ और आईसीएमआर ने "कोविड -19 के टीकों के कई दुष्प्रभावों को स्वीकार किया है । असल में आरटीआई में कोविड-19 के टीकों दुष्प्रभावों को लेकर सरकार से जवाब मांगा गया था ।
मीडिया रिपोर्ट में किए गए दावों पर अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "आईसीएमआर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन, रोग नियंत्रण केंद्र (CDC) और स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रतिष्ठित वेबसाइटों के जरिए कोविड टीकों के लाभ और कमियों की एक सूची जारी की थी ।यहां पर दुनियाभर से अलग-अलग कोविड-19 के टीकों के सबूत संकलित किए गए हैं । मंत्रालय ने ये भी कहा कि "यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आरटीआई के जवाब में ICMR ने किसी भी दस्तावेज़ पर टिप्पणी नहीं की है ।
स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन लेने वाले रोगियों की बहुत कम संख्या है जिसको पहले किसी बिमारी होने के कारण वैक्सीन के साइड इफेक्ट हो सकते हैं । वैश्विक रिसर्च स्टडी से पता चला है कि कोविड-19 टीकाकरण ने अस्पताल में भर्ती होने और केविड-19 के कारण होने वाली मौतों को रोककर रोग की गंभीरता को कम करने में मदद की है ।