मुंबई । कई सुपर हिट फिल्मों में अपना संगीत दे चुके गायक और संगीतकार वाजिद खान (Wajid Khan) के कोरोना काल में निधन के बाद अब उनकी पत्नी ने उनपर कई गंभीर आरोप लगाए हैं । एक इंटरव्यू में वाजिद खान की पत्नी कमलरुख (Kamalrukh) ने वाजिद पर आरोप लगाते हुए कहा कि है कि दोनों के बीच 10 साल तक प्रेम प्रसंग रहे । लेकिन शादी के बाद उनके परिजनों ने मुझपर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया । इतना ही नहीं वाजिद ने भी मुझे तलाक देने की कई बार धमकी दी । इस सबके बाद वह पिछले 6 साल से अलग अलग रह रहे थे ।
विदित हो कि कमलरुख (Kamalrukh) ने अपने पोस्ट में लिखा, 'इस्लाम अपनाने के लिए बनाए जाने वाले दबाब के कारण मेरे और वाजिद के रिश्ते में खटास आ गई थी । उन्होंने बताया कि यह हम दोनों के संबंधों को तोड़ने के लिए काफी था । मेरा आत्म सम्मान मुझे उनके या उनके परिवार के लिए धर्म परिवर्तन करने की इजाजत नहीं दे रहा था । कमलरुख ने आगे बताया कि 2014 में वाजिद ने तलाक के लिए अर्जी दायर की थी, जो कि नहीं हुआ । हालांकि बाद में वाजिद ने अपने किए पर माफी मांगी थी और उस पर उन्हें पछतावा भी था ।
विदित हो कि इस इंटरव्यू से पहले वाजिद की पत्नी ने काफी लंबा चौड़ा पोस्ट भी लिखा था । इस पोस्ट में उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ से जड़ी बातें बताई थीं ।
असल में गत 27 नवंबर को कमलरुख ने अपनी एक पोस्ट में लिखा - मैं पारसी हूं, और वो मुस्लिम थे। हम कॉलेज स्वीटहार्ट्स थे। हमने स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत शादी की थी। हमने स्पेशल मैरिज एक्ट (एक ऐसा एक्ट जिसके तहत आप दूसरे धर्म में शादी कर सकते हैं) के तहत शादी की थी। मैं अपनी इंटर-कास्ट मैरिज अनुभव साझा करना चाहती हूं...इस दौर और उम्र में कैसे एक महिला पूर्वाग्रह का सामना कर सकती है। धर्म के नाम पर तकलीफ देना और भेदभाव करना शर्मनाक और आंखें खोलने वाला है। शादी के बाद मुझे धर्म के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।’
कमलरुख ने कहा- मेरी परवरिश साधारण पारसी में हुई । शादी के बाद यही स्वतंत्रता, शिक्षा और वैल्यू सिस्टम मेरे पति के परिवार के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गई। एक पढ़ी-लिखी, सोचने-समझने वाली, स्वतंत्र महिला, जो अपना एक नजरिया रखती है, उन्हें मंजूर नहीं था, और रूपांतरण के दबावों का विरोध करना उनके लिए सही नहीं था।"
कमलरुख ने आरोप लगाया था कि उनके ससुरालवाले उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं, लेकिन वे अपने अधिकारों और बच्चों की विरासत के लिए लड़ती रहेंगी। उन्होंने लिखा था, "उनके (वाजिद) परिवार की ओर से प्रताड़ना जारी है। मैं अपने अधिकारों और बच्चों की विरासत के लिए लड़ रही हूं, जो उनके द्वारा बेकार कर दिए गए हैं। यह सब मेरे इस्लाम न अपनाने के खिलाफ उनकी नफरत के कारण हो रहा है। नफरत की जड़ें इतनी गहरी हैं कि किसी प्रियजन की मौत भी उन्हें हिला नहीं सकती।
बता दें कि वाजिद ख़ान ने साजिद के साथ 1998 की फ़िल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ से बतौर म्यूज़िक कंपोज़र अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद सलमान के साथ उन्होंने कई फ़िल्में कीं। 'गर्व', 'तेरे नाम', 'तुमको ना भूल पाएंगे', 'पार्टनर' और लेटेस्ट 'दबंग' फ्रेंचाइजी जैसी फिल्मों के अलावा वाजिद ने कुछ फ़िल्मों में प्लेबैक सिंगिंग भी की। सलमान के लिए उन्होंने ‘मेरा ही जलवा’, ‘फेविकोल से’ और अक्षय कुमार के लिए ‘चिंता ता चिता चिता’ गानों में अपनी आवाज दी थी।
किडनी की समस्या से परेशान वाजिद खान का निधन 1 जून को हार्ट अटैक से हुआ था। वह चेम्बूर के एक अस्पताल में भर्ती थे। वाजिद को बाद में कोराना वायरस का संक्रमण भी हो गया था, जिसके चलते मात्र 42 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।