नई दिल्ली । अगर शहरी विकास मंत्री एम वैंकया नायडू के प्रस्ताव को माना गया तो सस्ते मकानों को जीएसटी प्रणाली के तहत सर्विस टैक्स से छूट मिल सकती है। नाडयू ने इस छूट की वकालत करते हुए राज्यों से कहा है कि वे सस्ती आवासीय योजना के लिए स्टांप ड्यूटी में छूट दे, ताकि कम लागत वाली योजना के तहत सामने आए मकानों की कीमतें न बढ़ें। नाडयू ने रीयल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई के एक कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान राज्य सरकार से कहा कि वह स्टांप ड्यूटी में छूट दें और इसे दूसरे लोगों के लिए यूक्तिसंगत बनाएं।
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नायडू ने इस कार्यक्रम में लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जीएसटी के चलते कफायती आवासीय योजना वाले मकानों की कीमतों में वृद्धि नहीं होगी। उन्होंने कहा, हालिया दौर में सस्ते आवासीय खंड को सर्विस टैक्स से छूट दी गई है। मेरा मंत्रालय वित्त मंत्रालय के सामने इस क्षेत्र को जीएसटी के तहत छूट रखने की जरूरत की बात रख चुका है। इस दौरान उन्होंने बिल्डरों से कहा कि वह अपने ग्राहकों को समय पर उनके द्वारा बुक किए गए मकानों का कब्जा दें।
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इस दौरान क्रेडाई के अध्यक्ष की एक मांग पर जवाब देते हुए नायडू ने कहा, सरकार आप सभी से आपके द्वारा अपने ग्राहकों से किए गए वायदों को ही पूरा करने के लिए कह रही है, इससे ज्यादा नहीं। आपने ग्राहकों के साथ जो वायदे किए हैं, आप उन्हें समय रहते पूरा किजिए, हम आपके साथ खड़े हैं। बता तें कि क्रेडाई के चेयरमैन ने नायडू से मांग की थी कि सरकार नए रीयल एस्टेट कानून को पूर्व की तारीख से लागू न करे। नए नियम नई योजनाओं पर ही लागू होने चाहिए। इस मांग पर नायडू ने कहा कि जो मांग आप लोग कर रहे हैं उस पर मंत्रालय विचार कर रहा है लेकिन रातों रात भाग जाने वाली इकाइयों को लेकर भी कड़ी कार्रवाई किए जाने की जरूरत है।
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