नई दिल्ली। भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए रामनाथ कोविंद ने अपने चयन के बाद हिंदी में एक भावपूर्ण संबोधन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि समाज के लिए मेरा सेवाभाव आज मुझे यहां तक ले आया है। मैं सर्वे भवतुं सुखिनः ...के मंत्र पर मैं देश के विकास के लिए काम करूंगा। हालांकि इस दौरान उन्होंने दिल्ली में हो रही बारिश का जिक्र करते हुए अपने बचपन के दिनों में संघर्ष के समय को भी याद किया। उन्होंने कहा कि आज मेरा इस पद पर चुने जाना, उन सभी गरीबों का प्रतिनिधित्व होगा, जो आज भी कहीं अपनी शाम की रोटी के लिए पसीना बहा रहे होंगे।
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नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने पहले ही संबोधन में हिंदी में बात की। अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने कहा- देश के हर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, मैं उनका आभार प्रकट करता हूं। जिस पद को राजेंद्र प्रसाद जी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी, कलाम साहब और प्रणब मुखर्जी जैसे दिग्गजों ने शोभायमान किया है। उस पद पर मेरा चयन मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी का एहसास करा रहा है। मैं इस पद पर चयनित होने पर काफी भावुक हूं।'
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इस दौरान उन्होंने दिल्ली में हो रही बारिश का जिक्र करते हुए कहा, आज दिल्ली में बारिश हो रही है, जो मुझे मेरे बचपन के दिनों में होने वाली बारिश की याद दिला रही है, जब मैं अपने भाई बहनों के साथ दीवार की ओढ़ में छिप जाता था और बारिश के बंद होने का इंतजार करता था। आज देश में ऐसे कितने की रामनाथ कोबिंद होंगे जो इस समय बारिश में भीग रहे होंगे, कई मजदूरी कर रहे होंगे, खेतों में काम कर रहे हों। आज मुझे इन लोगों से कहना है कि आज में आप लोगों का प्रतिनिधि बनकर काम करूंगा।
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उन्होंने कहा, इस पद पर चुने जाने के बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था और न ही यह पद कभी मेरा लक्ष्य था। लेकिन मेरा अपने देश के प्रति अथक सेवा भाव आज मुझे यहां ले आया है। संविधान की रक्षा करना और मर्यादा को बनाए रखना मेरा लक्ष्य होगा। में सर्वे भवतुं सुखिनः पर अमल करते हुए अपना काम करूंगा।