Friday, April 19, 2024

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कल से बदल जाएंगे ये नियम , आज ही इन सभी के बारे में विस्तार से जान लें , नहीं होगी आगे दिक्कत

अंग्वाल न्यूज डेस्क
कल से बदल जाएंगे ये नियम , आज ही इन सभी के बारे में विस्तार से जान लें , नहीं होगी आगे दिक्कत

नई दिल्ली । वर्ष 2021 का आज आखिरी दिन है , कल यानी 1 जनवरी 2022 से देश में कई नियम बदल जाएंगे । बेहतर होगा लोग इन नए नियमों के बारे में समय रहते जान लें , ताकि जब ये आपके सामने आएं तो इन्हें जानकर आप हैरान न हो जाएं । अब बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी कुछ व्यवस्थाओं , एटीएम से नकद निकासी के साथ ही ऑनलाइन फूड ऑर्डर समेत कई चीजों पर नए नियम लागू हो रहे हैं । तो आइये जानिए कि आखिर वो कौन कौन सी नई व्यवस्थाएं हैं , जिनसे जुड़े नियम आगामी 1 जनवरी से बदल जाएंगे । 

इस मामले में सबसे पहले बात करते हैं बैंकिंग सेक्टर की । बैंक से जुड़ी कुछ व्यवस्थाओं की । 

लॉकर की जिम्मेदारी से नहीं बच सकेंगे बैंक

अगर आपने अपने बैंक में लॉकर की सुविधा की हुई है तो आपके लिए नये साल में अच्छी खबर आ रही है । असल में आरबीआई RBI ने लॉकरों को लेकर जो नई व्यवस्था बनाई है , उसे इस नए साल से लागू किया जा रहा है । असल में इस नई व्यवस्था के तहत अब लॉकर में रखे उपभोक्ता के सामान की जिम्मेदारी से बैंक बच नहीं सकेंगे । अमूमन अब तक होता यह आया है कि बैंक के लॉकर में रखे उपभोक्ता के सामान को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो बैंक इससे अपना पल्ला झाड़ लेते थे । मसलन कोई चोरी , डकैती होने पर अगर उपभोक्ताओं का लॉकर भी लूट लिया गया तो बैंक ऐसे मामलों में अपनी कोई गलती नहीं मानते थे । लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में दखल देने के बाद आरबीआई ने नियम बनाते हुए अब ऐसे मामलों में बैंकों की जिम्मेदारी तय कर दी है । 

इस नई जिम्मेदारी के तहत अब बैंकों में किसी चोरी - डकैती - सेंधमारी या आग समेत किसी अन्य कारण से उपभोक्ता के लॉकर में रखे सामान को नुकसान होता है या वह गायब होता है तो बैंक को अब लॉकर के सालाना किराये का करीब 100 गुना तक का हर्जाना उपभोक्त को देना होगा । हालांकि उपभोक्ता की लापरवाही के चलते हुए नुकसान और प्राकृतिक आपदा के चलते हुए नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होगा । 

चेक पेमेंट से जुड़े नियम बदले

बता दें कि 1 जनवरी 2021 से चेक से पेमेंट से जुड़े नियम बदल जाएंगे। इसके तहत 50,000 रुपये से अधिक भुगतान वाले चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू होगा। आरबीआई ने कॉन्टैक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने का फैसला किया है। इनके साथ ही और भी कई बदलाव होने जा रहे हैं। सरकार, RBI (Reserve Bank of India) और बैंकों की ओर से लोगों को डिजिटल और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की सलाह कई बार दी जा चुकी है। कॉन्टैक्टलेस पेमेंट का एक जरिया कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट भी है। लोग कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट की मदद से ज्यादा अमाउंट में और आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकें, इसके लिए MPC की बैठक में कॉन्टैक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने का फैसला किया गया है। अभी यह लिमिट 2000 रुपये है। यह बढ़ी हुई लिमिट 1 जनवरी 2021 से लागू होगी।

एटीएम से नकद निकासी पर ज्यादा शुल्क

नए साल से एटीएम से नकद निकासी की निशुल्क सीमा के बाद अन्य निकासी पर जो शुल्क देना होता है , उसमें वृद्धि की जा रही है । बैंकों से जुड़ा यह नया नियम शनिवार से लागू होने जा रहा है । निशुल्क सीमा के बाद बैंक के उपभोक्ताओं को अब प्रति ट्राजेक्शन पर 20 रुपये बतौर शुल्क देना होता था , जिसे अब बढ़ाकर 21 रुपये कर दिया गया है । आरबीआई के सूत्रों का कहना है कि डिजिटल भुगतान को प्रमोट करने के लिए इस तरह की कवायद की जा रही है । 


ऑनलाइन फूड डिलिवरी एप से खाना मंगवाना महंगा

 फूड डिलीवरी सर्विसेज को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग काफी समय से चल रही थी । इसके बाद गत 17 सितंबर को हुए GST काउंसिल की बैठक में इस मांग को मंजूरी दे दी गई । सरकार ने खाना डिलीवर करने वाली कंपनियों पर 5% GST लगाया गया है । अभी तक रेस्टोरेंट इस टैक्स को चुकाते हैं, मगर नए नियम के लागू होने से फूड डिलीवरी कंपनियां इस टैक्स को अदा करेंगे । इस नई व्यवस्था को देशभर में 1 जनवरी 2022 से शुरू किया जाएगा । हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि उपभोक्ताओं पर इसका भार नहीं पड़ेगा । सरकार यह टैक्स ग्राहकों से नहीं, बल्कि एप कंपनियों से वसूलेगी । लेकिन यह बात साफ है कि कंपनियां इस बोझ को किसी ना किसी तरीके से अपने ग्राहकों से ही वसूलेगी । नियमों के अनुसार , फूड एग्रीगेटर एप्स की ये जिम्मेदारी होगी वो जिन रेस्टोरेंट के जरिए सर्विस प्रोवाइड करा रहे हैं उनसे टैक्स कलेक्ट करें और उसे सरकार के पास जमा कराएं । 

ई इंवाइस होगी जरूरी

1 जनवरी से ही GST कानून के तहत 100 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर होने पर बी2बी (बिजनेस टु बिजनेस) भुगतान के लिए ई-इनवॉइस जरूरी होगा। इसके अलावा 1 अप्रैल से सभी करदाताओं के लिए बी2बी भुगतना पर ई-इनवॉइस जरूरी होगा। नई प्रणाली मौजूता इनवॉइस व्यवस्था की जगह लेगी। जल्द ही ई-वे बिल की मौजूदा व्यवस्था खत्म हो जाएगी और करदाताओं को अलग से ई-वे बिल बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सेंट्रल पोर्टल पर चालू होगा लेनदेन

विदित हो कि म्यूचल फंड से जुड़ी सेवाओं को आसान बनाने के लिए इसी वर्ष सितंबर में एमएफ सेंट्रल पोर्टल लॉंच किया गया था , लेकिन 1 जनवरी 2022 से इसके तहत लेन देने की व्यवस्था को शुरू किया जा रहा है । इस पर बैंक खातों में परिवर्तन  , मोबाइल नंबर , ईमेल नामांकन करना जैसी सुविधाएं शुरू हो रही हैं । 

जीएसटी को लेकर हुए ये बदलाव

असल में सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत छोटे करदाताओं के लिए तिमाही रिटर्न दाखिल करने और करों के मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) की योजना शुरू की है। ऐसे करदाता जिनका पिछले वित्त वर्ष में वार्षिक कारोबार पांच करोड़ रुपये तक रहा है और जिन्होंने अपना अक्टूबर का जीएसटीआर-3बी (बिक्री) रिटर्न 30 नवंबर, 2020 तक जमा कर दिया है, इस योजना के पात्र हैं। जीएसटी परिषद ने 5 अक्तूबर को हुई बैठक में कहा था कि 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले पंजीकृत लोगों को 1 जनवरी, 2021 से अपना रिटर्न तिमाही आधार पर दखिल करने और करों का भुगतान मासिक आधार पर करने की अनुमति होगी। इससे 94 लाख छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी।

 

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