नई दिल्ली । देश में कोरोना काल के चलते पिछले 9 माह से स्कूल-कॉलेजों समेत अन्य शिक्षण संस्थानों पर ताले लगे हुए हैं। ऊपर से ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रेन मिलने से एक बार फिर से दिल्ली - एनसीआर समेत देश में सख्ती बढ़ा दी गई है । इस सबके बीच दिल्ली के शिक्षण संस्थानों को लेकर सरकार कोई ढिलाई देती नजर नहीं आ रही है । हालांकि कई राज्यों में कई शर्तों के साथ नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खोले गए हैं , लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अभी तक स्कूल खोलने पर विचार नहीं किया है । सूत्रों का कहना है कि आगामी जुलाई तक दिल्ली में स्कूल खुलने की संभावना बहुत कम है । ऐसे में कहा जा रहा है कि दिल्ली में नए सत्र के लिए नर्सरी दाखिले रद्द किए जा सकते हैं । हालांकि एनसीआर से दूसरे शहरों में दाखिले तो हुए हैं , लेकिन इस बार हो हल्ला नहीं मचा है ।
बता दें कि अमूमन इस समय तक दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों ठंड के साथ ही नर्सरी दाखिले की दौड़ सुर्खियों में रहा कहती थी । इस बार ठंड तो बरकरार है , लेकिन नर्सरी दाखिले को लेकर किसी तरह की कोई सुगबुगाहट नहीं है । न तो अभिभावक ही और न ही स्कूल प्रशासन किसी तरह की किसी जल्दबाजी में दिख रहा है । यहां तक कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि जुलाई से पहले दिल्ली में स्कूलों को खोले जाने की संभावना काफी कम है ।
उन्होंने अपने इस इंटरव्यू में कहा - भले ही फरवरी तक हम लोगों को वैक्सीन का टीका देना शुरू कर दें फिर भी स्कूल खोलने का फैसला तत्काल नहीं लिया जा सकता है । हमें अभी इस दिशा में भी काम करना है कि टीचर्स और बच्चों को बिना जोखिम में डाले परीक्षाएं कैसे आयोजित की जाएं ।
हालांकि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर प्राइवेट स्कूलों के साथ बातचीत करेगी । इस दौरान नर्सरी दाखिले से लेकर जुलाई से पहले स्कूल खोलने के विकल्पों पर चर्चा हो सकती है ।
विदित हो कि प्रतिवर्ष शिक्षा निदेशालय दिल्ली की ओर से हर साल नवंबर तक दाखिलों की गाइडलाइन जारी होती है । इसमें एडमिशन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है, लेकिन इस साल अभी तक इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की गई है । ऐसे में साफ नजर आ रहा है कि इस बार सरकार बच्चों के दाखिलों को लेकर न तो जल्दबाजी है न ही वह बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता करना चाहती है ।