नई दिल्ली । जहां एक ओर देश में बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओं जैसे अभियान चल रहे हैं, वहीं ओडिशा के कंधमाल जिले के सरकारी आदिवासी आवासीय स्कूल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने अपने हॉस्टल में एक बच्ची को जन्म दिया है। बच्ची कैसे गर्भवति हुई और आखिर स्कूल प्रशासन को इस बारे मे कोई जानकारी कैसे नहीं लगी, इस मामले की अब जांच शुरू हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने हॉस्टल में रहने वाली नाबालिग के गर्भवति होने और हॉस्टल मे ही बच्ची को जन्म देने की सूरत में 6 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। आरोप हैं कि नाबालिग बच्ची और उसकी नवजात को पहले तो स्कूल प्रशासन ने हॉस्टल से बाहर निकाल दिया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। इतना ही नहीं स्थानीय लोगों ने धरना दिया और राष्ट्रीय राजमार्ग 59 को अवरूद्ध कर दिया।
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हंगामा होने पर उसे फूलबाणी उपमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत सामान्य है। वहीं पुलिस ने इस मामले में रविवार को दरिंगबाड़ी कॉलेज के तृतीय वर्ष के छात्र को हिरासत में लिया है। कहा जा रहा है कि इसने ही बहला-फुसलाकर नाबालिग से दुष्कर्म किया था।
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बता दें कि कंधमाल जिला कल्याण की अधिकारी चारूलता मलिक ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली 14 वर्षीय नाबालिग छात्रा ने गत शनिवार को स्कूल के हॉस्टल में एक बच्ची को जन्म दिया । यह स्कूल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग की ओर से संचालित होता है। वहीं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मंत्री रमेश माझी ने जिला कलेक्टर से मामले की जांच करने और उन परिस्थितियों पर रिपोर्ट देने को कहा गया है । उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। मलिक ने कहा कि घटना के बाबत दरिंगबाड़ी कॉलेज के तृतीय वर्ष के छात्र को गिरफ्तार किया गया है. वह तकलमहा गांव का रहने वाला है।
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वहीं इस गंभीर मामले में जिला कलेक्टर डी ब्रूंडा ने कहा कि संस्थान के दो मैट्रन, दो बावर्ची एवं अटेंडेंट, एक महिला पर्यवेक्षक और एक सहायक नर्स मिडवाइफ के खिलाफ ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई की गई है । सरकार के निर्देशों पर हमने कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।
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