नई दिल्ली । वर्ष 2020 के साथ भारत में शुरू हुए कोरोना काल के बाद से देश के अधिकांश प्रतिष्ठानों ने अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था दी थी । लेकिन एक बार फिर इस तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं कि देश में ऑफिस वर्क कल्चर जोर पकड़ने लगा है । देश के कई मेट्रो शहरों में ऑफिस कल्चर दोबारा पटरी पर लौटने के बाद ऑफिसों की मांग भी बढ़ी है । देश के 8 प्रमुख शहरों में गत जनवरी-मार्च के दौरान कार्यालय स्थलों की मांग में प्रौद्योगिकी और बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) कंपनियों की हिस्सेदारी 51 फीसदी नजर आई है । यह जानकारी संपत्ति सलाहकार सीबीआरई की एक रिपोर्ट में सामने आई है ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जनवरी से मार्च में पट्टा गतिविधियां सालाना आधार पर 97 फीसदी बढ़कर 1.14 करोड़ वर्ग फुट पर पहुंच गईं । सीबीआरई ने कहा, "कार्यालय स्थलों की मांग में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी 34 फीसदी रही. उसके बाद 17 फीसदी हिस्सेदारी के साथ बीएफएसआई कंपनियां दूसरे स्थान रहीं।
सीबीआरई भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशुमान मैगजीन ने कहा, "सरकार के कोविड-19 प्रोटोकॉल और 2021 में कार्यालय स्थलों की मांग में सुधार के चलते हमें 2022 में भी यही रफ्तार कायम रहने की उम्मीद है."
आंकड़ों के अनुसार, 2022 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान दिल्ली-एनसीआर में कार्यालय स्थलों की पट्टे पर मांग 87 फीसदी बढ़कर 19 लाख वर्ग फुट हो गई । वहीं बात मुंबई की करें तो वहां यह आठ लाख वर्ग फुट रही, जो एक साल पहले की समान अवधि से 70 फीसदी अधिक है । इसी क्रम में बेंगलुरु में कार्यालय स्थलों की मांग 43 फीसदी बढ़कर 35 लाख वर्ग फुट हो गई । चेन्नई में यह कई गुना होकर 23 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई । हैदराबाद में कार्यालय स्थल की मांग 75 फीसदी बढ़कर 14 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई । पुणे में यह बढ़कर 11 लाख वर्ग फुट रही ।
इस रिपोर्ट के अनुसार , इंजीनियरिंग और विनिर्माण की 12 फीसदी और अनुसंधान, परामर्श और विश्लेषण फर्मों की हिस्सेदारी 11 फीसदी रही । इसके साथ ही लचीले स्थल परिचालकों की हिस्सेदारी 13 फीसदी रही । तिमाही के दौरान पट्टा गतिविधियों में बेंगलुरु, चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर दबदबा रहा । कुल कार्यालय स्थल मांग में इनकी हिस्सेदारी दो-तिहाई रही ।