नई दिल्ली। अब पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के बाद पुलिस वेरीफिकेशन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार इस प्रक्रिया को आॅनलाइन वेरीफिकेशन प्रक्रिया से जोड़ने जा रही है ताकि अपराधों और अपराधियों के राष्ट्रीय ब्योरों से जोड़ा जाएगा जिससे एक ही क्लिक पर अपराधियों के बारे में सारी जानकारी मिल सके।
घर जाने की जरूरत नहीं
गौरतलब है कि केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने बताया कि अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम्स परियोजना (सीसीटीएनएस) को विदेश मंत्रालय की पासपोर्ट सेवा के साथ जोड़े जाने की उम्मीद है। अब पुलिस को खुद आवेदकांे के घर जाकर सत्यापन करने की जरूरत नहीं है।
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सीसीटीएनएस हो रहा उपयोग
गृह सचिव ने कहा, ‘कुछ राज्यों में पुलिस पहले से ही पासपोर्ट संबंधी जरुरतों को पूरा करने के लिए सीसीटीएनएस का उपयोग कर रही है।’ पुलिस को आवेदक के पते पर जाने के लिए हाथ में पकड़े जा सकने वाले उपकरण दिए जाएंगे। इस जानकारी को नेटवर्क पर डाली जाएगी। इस प्रक्रिया के शुरू होने से पुलिस के समय की बचत भी करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि ये बातें ऐसे समय कहीं गई जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीसीटीएनएस परियोजना के तहत एक डिजिटल पुलिस पोर्टल शुरु किया जिसका उद्देश्य अपराधों और अपराधियों का राष्ट्रीय ब्यौरा तैयार करना है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पुलिस पोर्टल नागरिकों को आॅनलाइन शिकायत पंजीकरण और पृष्ठभूमि सत्यापन का आग्रह जैसी सुविधाएं देगा।
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पुलिस पोर्टल उपलब्ध कराएगा रिपोर्ट
पोर्टल शुरु करने के बाद गृह मंत्री ने कहा, ‘पुलिस पोर्टल राज्य पुलिस और केन्द्रीय जांच एजेंसियों के लिए राष्ट्रीय ब्यौरे से 11 सर्च और 46 रिपोर्ट उपलब्ध कराएगा। केन्द्रीय जांच एवं अनुसंधान एजेंसियों को अपराध आंकड़ों तक पहुंचने के लिए डिजिटल पुलिस ब्यौरे हेतु उपलब्ध कराए हैं।’ गृह मंत्री ने कहा कि सीसीटीएनएस ने 15398 थानों में से 13775 को साफ्टवेयर में 100 प्रतिशत डेटा डालने का मौका दिया है।