नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ते हुए बॉलीवुड की कुछ हस्तियों समेत 49 शख्सियतों ने पिछले दिनों देश में हो रहीं मॉब लिन्चिंग और 'जय श्री राम' के नारे को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जाने के आरोप लगाते हुए चिंता जताई थी । लेकिन अब इन लोगों को जवाब देते हुए 61 अन्य शख्सियतों ने पीएम मोदी को एक खुला खत लिखकर आड़े हाथों लिया है । भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के प्रमुख प्रसून जोशी, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत, फिल्मकार मधुर भंडारकर, तथा विवेक अग्निहोत्री के अलावा शास्त्रीय नर्तकी व राज्यसभा सदस्य सोनल मानसिंह समेत कई अन्य दिग्गजों ने अपने खत में मोदी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करने वालों पर 'चुनिंदा घटनाओं पर गुस्सा जताने, झूठे किस्से सुनाने और साफतौर पर राजनैतिक पक्षपात' के आरोप लगाए हैं ।
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इन 61 दिग्गजों के खत में लिखा गया है, "23 जुलाई, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम प्रकाशित खुले खत ने हमें अचंभे में डाल दिया है... देश की चेतना के 49 स्वयंभू रखवालों और अभिभावकों ने चुनिंदा चिंता व्यक्त की है, और साफतौर पर राजनैतिक पक्षपात का प्रदर्शन किया है... हम लोगों ने, जिन्होंने इस खत पर साइन किए हैं, हमारी नजर में चुनिंदा रूप से भड़ास निकालना , एक फर्जी किस्से को सच्चा साबित करने की कोशिश करना है । पीएम मोदी के प्रयासों को नकारात्मक रूप से दिखाने की कोशिश है...
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इस खत में इन दिग्गजों ने मोदी सरकार पर तंज करने वालों पर हल्ला बोलते हुए लिखा है - खुले खत पर दस्तखत करने वालों ने अतीत में उस समय चुप्पी साधे रखी थी, जब जनजातीय लोगों और हाशिये पर सरक चुके लोगों को नक्सलियों ने शिकार बनाया था... वे उस समय भी चुप्पी साधे रहे थे, जब अलगाववादियों ने कश्मीर में स्कूलों को जला डालने का फरमान जारी किया था । वे तब भी खामोश रहे थे, जब भारत को तोड़ने की मांग की गई थी।"
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इस नए खत में लिखा गया है - दरअसल, मोदी सरकार के कार्यकाल में अलग राय रखने, सरकार को कोसने और उसकी आलोचना करने की सबसे ज्यादा आजादी है , असहमति की भावना इससे ज्यादा मजबूत कभी नहीं रही है ।