पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भले ही नीतीश सरकार पर हमलावर हों लेकिन उनके परिवार की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं हैं। आईआरसीटीसी होटल घोटाले मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को समन भेजा है। इससे पहले 27 जुलाई को हुई सुनवाई के बाद जज ने 30 जुलाई तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जज ने मामले का अध्ययन करने के लिए समय मांगा था। यहां बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में 16 अप्रैल को आरोप-पत्र दायर किया था।
गौरतलब है कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए विनय और विजय कोचर नाम के व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए पटना के पाॅश इलाके में जमीन लेने का आरोप है। बताया जा रहा है कि इस जमीन के बदले लालू प्रसाद ने रांची और पुरी में आईआरसीटीसी के 2 होटलों की जिम्मेदारी इन दोनों की कंपनी सुजाता होटल को सौंप दिया था। इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने 16 अप्रैल को लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव समेत 14 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
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यहां बता दें कि सीबीआई ने अदालत को बताया कि रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य और आईआरसीटीसी के पूर्व ग्रुप मैनेजर बी. के. अग्रवाल पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से मंजूरी प्राप्त की गई है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अग्रवाल पर कार्रवाई की अनुमति दी है। इस अधिकारी पर मामले में लालू व उनके परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर देरी कर मामले को कमजोर करने का आरोप है। बता दें कि रेल मंत्री रहते हुए लालू पर यह भी आरोप लगा कि सुजाता होटल को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा की प्रक्रिया में भी छेड़छाड़ की गई है।