नई दिल्ली । आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान किया । गत मई से लेकर अब तक यह चौथा मौका है जब RBI ने रेपो रेट में इजाफा किया है । RBI ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी करते हुए इसे 5.40 फीसदी से बढ़ाकर 5.90 फीसदी कर दिया है । 5 महीने में अब तक रेपो रेट में 1.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है । रिजर्व बैंक की तरफ से कहा गया कि महंगाई सभी सेक्टर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है । ऐसे में रेपो रेट एक बार फिर बढ़ान जरूरी है । इसका असर आपके होम लोन की किश्तों पर पड़ सकता है । आशंका है कि जल्द आपका होम लोन महंगा हो सकता है ।
RBI गवर्नर ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और भारत भी इससे अछूता नहीं है । महंगाई दर अब भी आरबीआई द्वारा तय कंफर्ट जोन 2-6 प्रतिशत के ऊपर है । डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निम्न स्तर तक पहुंच गया । ऐसी परिस्थिति में RBI की Monetary Policy Committee ने जो निर्णय लिए हैं उनकी घोषणा शक्तिकांत दास ने की ।
विदित हो कि MPC के 6 में से 5 सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में रहे. मई से अब तक लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़कर 5.90 प्रतिशत पर पहुंच गया है । इससे पहले जून और जुलाई में भी रेपो रेट में इजाफा किया गया । रेपो रेट बढ़ने के बाद होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन महंगा हो जाएगा । दूसरी तरफ बैंकों की तरफ से ग्राहकों को एफडी पर दिये जाने वाला ब्याज भी बढ़ जाएगा । इसके असर आने वाले दिनों में सभी तरह के होम लोन पर पड़ेगा ।
आरबीआई गवर्नर बोले - दुनिया भर में बढ़ती महंगाई को देखते हुए आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ रही है लेकिन भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर है । आरबीआई ने उपभोक्ता मूल्य आधारित महंगाई दर (Consumer Price Index (CPI) Inflation) का अनुमान वित्त वर्ष 2023 के लिए 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है । वित्त वर्ष 2023 के लिए वास्तविक सकेल घरेलू उत्पाद (GDP Growth Projection) के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटा कर 7 प्रतिशत किया गया है । दास ने कहा कि इस साल 28 सितंबर तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 7.4 प्रतिशत का अवमूल्यन हुआ है. आरबीआई ने रुपये के लिए कोई खास विनिमय दर तय नहीं किया है. रुपये की ज्यादा अस्थिरता की दशा में आरबीआई हस्तक्षेप करता है और केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत
क्या होता है रेपो रेट?
बता दें कि जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है । रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा । इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा ।