इटावा । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में इस बार भाजपा को सीधी टक्कर सपा और उसके गठबंधन से मिल रही है । हालांकि इस गठबंधन के भीतर भी सब कुछ ठीक है , ऐसा कहा नहीं जा सकता। रालोद के टिकट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लोगों को मैदान में उतारने के चलते कई जाट नेता खफा बताए गए । अब अखिलेश के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (PSPL) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का दर्द फिर से छलक गया है । उन्होंने कहा कि - हमने 100 टिकटों की मांग की थी , इस पर नेताजी ने कहा था कि 200 लेना , लेकिन अखिलेश ने सूची को इतना छोटा कर दिया कि हमें सिर्फ एक टिकट मिली है । अब हमें इसी सीट पर प्रचंड जीत दर्ज कर अपनी ताकत दिखानी होगी ।
असल में इस बार के विधानसभा चुनावों से पहले अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के बीच सुलह हो गई । ऐसे में शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल पर चढ़कर जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं । वह अपनी सीट पर ही प्रचार करते नजर आ रहे हैं । इसी चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, हमने अखिलेश यादव से 100 सीटों की मांग की थी । नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने हमें कहा कि आपको 200 सीटें दी जाएंगी । इसके बावजूद हमने मात्र 64 लोगों की सूची पार्टी को दी । अखिलेश ने इस सूची को छोटा करने को कहा । इस पर हमने 45 नामों की लिस्ट उन्हें दी ।
इस पर फिर से अखिलेश यादव ने कहा कि सूची बड़ी है इसे छोटा करें । इस पर हमने उन 35 प्रत्याशियों के नाम दिए , जिनकी जीत पक्की थी , लेकिन हमसे बोला गया कि यह भी बहुत ज्यादा लोग हैं । इसके बाद हमने कहा जिसे सही लगे उसे टिकट दे दें । इस सबके बावजूद हमारे हिस्से में सिर्फ एक सीट आई है । हमने इस पर भी सब्र कर लिया है ।
उन्होंने अपने समर्थकों और पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि इस बार इटावा की जसवंतनगर सीट मिली है , जिससे मैं चुनाव लड़ रहा हूं । हम सबको इस बार इस सीट को सबसे बड़े अंतर से जीतना है । ऐसा करके हमें अपनी ताकत का एहसास कराना चाहिए ।