आगरा । दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल का नाम बदलने की कवायद एक बार फिर से तेज हो गई है । असल में इस बार आगरा में भाजपा पार्षद ने नाम बदलने की मांग उठी है , जिसे लेकर बुधवार को आगरा नगर निगम में नाम बदलने संबंधी एक प्रस्ताव पेश किया गया । भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर ने ताजमहल का नाम बदलकर तेजोमहालय रखने की मांग रखी है । उनका कहना है कि मैंने नाम बदलने के प्रस्ताव के साथ कई तथ्य भी सदन में रखे हैं । आशा करता हूं कि जल्द ही नाम बदल जाएगा ।
आखिर क्या दिए पार्षद ने तर्क
बता दें कि आगरा के तारगंज इलाके से भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर ने सदन में नाम बदलने का प्रस्ताव पेश करते हुए अपने तर्क में कहा है कि पिछले साढ़े 4 साल में करीब 80 सड़कों और चौराहों का नाम बदला गया है । कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि ताजमहल में हिंदू सभ्यता के कई निशान जैसे दीवारों पर कमल की आकृति मिली है । कई अन्य ऐसे तथ्य हैं , जिनसे ये बात पुख्ता हो चुकी है कि ताजमहल कोई मकबरा नहीं था । ऐसे में ताजमहल का नाम बदलना चाहिए ।
आखिर क्या है अब तक के दावे
विदित हो कि लंबे समय से ताजमहल का नाम बदलने की मांग अलग अलग संगठनों द्वारा की जाती रही है । इसके लिए कई तरह के दावे भी हुए हैं । कुछ रिसर्च में दावा किया गया है कि ताजमहल की जगह पहले शिव मंदिर था । 1212 ई. में परमाद्देव ने तेजो महालय बनवाया था । ताजमहल के 22 कमरे में मंदिर के सबूत हैं । इसके अलावा दावा किया जाता है कि ताजमहल के आसपास हिंदू आर्किटेक्चर है । 'ताज' और 'महल' दोनों ही संस्कृत के शब्द हैं । संगमरमर की जाली में 108 कलश हैं ।