लखनऊ। उत्तरप्रदेश में अपराधियों का लगातार एनकाउंटर करने वाली पुलिस अब आम लोगों को भी अपनी गोलियों का निशाना बनाने लगी है। शनिवार तड़के लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में पुलिस ने एक मल्टीनेशनल कंपनी मंे बतौर एरिया मैनेजर काम करने वाले विवेक तिवारी को गोली मार दी जिसकी अस्पताल में मौत हो गई। इस गोलीकांड के बाद यूपी पुलिस पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि ऐसी क्या बात हो गई थी कि बिना किसी आपराधिक रिकाॅर्ड वाले व्यक्ति पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी? फिलहाल आरोपी सिपाहियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि लोग इसे यूपी पुलिस की गुंडागर्दी कह रहे हैं। बताया जा रहा है कि रात करीब ढाई बजे मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले विवेक तिवारी नाम का शख्स अपनी महिला मित्र के साथ कहीं जा रहे थे। पुलिसकर्मियों के इशारे पर गाड़ी नहीं रोकने पर पुलिस ने गोली चला दी जिससे विवेक तिवारी बुरी तरह से घायल हो गए और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
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यहां बता दें कि विवेक तिवारी की महिला मित्र की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी सिपाहियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, महिला मित्र को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। पुलिस के अनुसार गोमतीनगर विस्तार के सीएमएस स्कूल के पास शुक्रवार रात करीब ढाई बजे एक कार खड़ी थी। उसी दौरान पुलिस बाइक पर सवार होकर गोमतीनगर थाने में तैनात सिपाही प्रशांत चौधरी और एक अन्य सिपाही वहां पहुंचे। दोनों ने कार में एक युवक और युवती को देखा तो मामला संदिग्ध समझकर उनसे पूछताछ के लिए कार के पास पहुंचे। इतने में ही कार चला रहे विवेक तिवारी ने गाड़ी बढ़ा दी। इसके बाद प्रशांत चौधरी ने गोली चला दी और गोली सीधे जाकर विवेक के सिर में लगी। कुछ दूरी पर गाड़ी एक दीवार से टकराकर रुक गई।
बताया जा रहा है कि बुरी तरह से घायल तिवारी को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।