पटना । बिहार विधानसभा से लेकर दिल्ली में संसद तक उछल रहे छपरा जिले के जहरीली शराब कांड में बयानबाजी और तीखी होती जा रही है । पहले बिहार भाजपा के नेताओं पर अपना गुस्सा जाहिर करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों को मुआवजा देने से मना कर दिया है । नीतीश कुमार का गुस्सा अभी भी कामय है । नीतीश कुमार ने विधानसभा के शीत सत्र में भाषण देते हुए कहा - बिहार में दारू पीकर मरने से सरकार मुआवजा नहीं देगी । अगर कोई शराब पिएगा और गड़बड़ पिएगा तो वो मरेगा । अगर कोई शराब पीकर मर जाता है, तो उसके प्रति दया नहीं रखनी चाहिए । लोगों को शराब पीने से मना करना चाहिए ।
बता दें कि बिहार के छपरा में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से अब तक करीब 50 लोगों की मौत हो गई है । वहीं कई अभी भी गंभीर रूप से बीमार हैं । छपरा में जहरीली शराबकांड के चलते एसएचओ रितेश मिश्रा और कांस्टेबल विकेश तिवारी को गुरुवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है ।
इस घटनाक्रम पर भाजपा ने संसद से लेकर सड़क तक नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । नीतीश कुमार भी अपनी सरकार के ऊपर लग रहे आरोपों और अपने इस्तीफे की मांग से बौखलाए नजर आ रहे हैं । उन्होंने जिस तरह के बयान देना जारी रखा हुआ है , उसके मद्देनजर सांसद सुशील मोदी ने गुरुवार (15 December) को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग की ।
सुशील मोदी ने कहा, "पिछले छह सालों में जहरीली शराब के कारण बिहार में 1000 से अधिक लोग मारे गए है , क्या बिहार में पुलिस का राज है? जिस तरह से नीतीश कुमार ने विधानसभा में व्यवहार किया, वह शालीनता नहीं है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए । "
इसके साथ ही बिहार के विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को राज्य सरकार पर बिना किसी पोस्टमॉर्टम के शवों को जलाकर छपरा में हुई मौतों की वास्तविक संख्या को छिपाने का आरोप लगाया ।