नई दिल्ली । दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी गतिरोध के बीच मंगलवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में अपना पक्ष रखा । केजरीवाल ने इस दौरान कहा कि गरीबों को आगे नहीं बढ़ने देना , एक सामंतवादी विचारधार है । दिल्ली के एलजी साहब कह रहे हैं दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ट्रेनिंग देश में ही करवा लो, क्यों करवा लें? हम किसी से कम है क्या, गरीब के बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं दिला सकते क्या? दिल्ली की जनता का पैसा है । वह बोले - हम तो ऐसे ही करेंगे, सवाल यह है कि ऐसा कहना वाला LG कौन है? कौन है LG? बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना.... कौन है LG हमारे सिर पर चढ़कर आकर बैठ गया है ।
कल केंद्र में हमारी सरकार होगी
इस दौरान केजरीवाल ने कहा - कोई भी सरकार पूरे जीवनभर के लिए नहीं बनती है । वह बदलती रहती हैं । ऐसा भी हो सकता है कि कल केंद्र में हमारी सरकार बन जे । हम चुनी हुई सरकार की इज्जत करते हैं । लेकिन हमें काम करने से रोका जा रहा है । यह बेहद गंभीर विषय है कि एक राज्य में चुनी हुई सरकार की चलनी चाहिए या किसी एक व्यक्ति की चलनी चाहिए । मैं, एलजी साहब से मिलने गया था, आज मैं विस्तार से बताऊंगा कि क्या बात हुई?
दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं
केजरीवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा - मेरी इच्छा थी कि भाजपा के विधायक भी मेरे साथ बैठक में मौजूद होते । दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है । कोई यह सोचे कि आज हमारी सरकार है, हमेशा हमारी रहेगी, तो ऐसा नहीं है । केंद्र में उनकी सरकार है, उनके एलजी हैं । कल ऐसा भी हो सकता है कि केंद्र में हमारी सरकार हो, दिल्ली में हमारे एलजी हो...हो सकता है कि दिल्ली में कांग्रेस, भाजपा या हमारी सरकार हो । हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारा एलजी ऐसे परेशान ना करे । हम चुनी हुई सरकार की इज्जत करते हैं ।
ये नहीं चलेगा कि आप हमें काम न करने दो
वह बोले – आने वाले समय में किसी की भी सरकार हो सकती है । ऐसा हो सकता है कि कल केंद्र में हमारी सरकार हो और दिल्ली में हमारे LG हो । तो ऐसा नहीं करना चाहिये कि हम सरकारों को काम ही न करने दें ।
एलजी साहब की नीयत ही खराब है
इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि हमने अपने सरकारी स्कूलों के 30 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने का फैसला लिया था । दिल्ली के मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री ने इसपर अंतिम फैसला कर लिया । लेकिन यहां पर अजीब जनतंत्र है, सारी फाइल एलजी के पास जाती हैं । एलजी साहब ने दो बार आपत्ति लगाई , इसका मतलब आपकी नियत खराब है । बार-बार आपत्ति लगाने का मतलब यही होता है कि नियत खराब है और टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए आप विदेश जाने नहीं देना चाहते.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश सबसे लिए बाध्य
वह बोले – इतना कुछ होने के बाद अब मेरे पास कहने को कुछ नहीं बचा है । इतने बड़े संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति कह रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की राय हो सकती है । सुप्रीम कोर्ट का आदेश हर नागरिक मानने के लिए बाध्य होता है. उन्होंने कहा कि मेरे पास एक सुप्रीम पावर है । उन्होंने कहा कि मैंने मना थोड़ी किया... तो मैंने उनको कहा कि आपने दो बार आपत्ति लगाई है। मेरे मास्टरों ने मेरा होमवर्क ऐसे चेक नहीं किया, जैसे एलजी साहब फाइल चेक करते हैं ।