जमशेदपुर । भले ही देश में सर्वशिक्षा अभियान चलाए जाने के साथ ही बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हों , लेकिन यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि देश के कई कोनों में बच्चों को अपने स्कूल तक जाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । कहीं आपने बच्चों को नदी पार करके स्कूल जाते देखा होगा , तो देश के कई इलाकों में बच्चों को कई किमी पैदल चलकर स्कूल तक पहुंचना पड़ता है । हाल में कुछ फोटो सामने आईं हैं झारखंड के जमशेदपुर स्थित मिर्गींटांड़ इलाके की । इस इलाके में इन दिनों एक बाघिन का खौफ व्याप्त है , जिसके चलते स्कूल जाने वाले बच्चे अपने साथ धनुष बाण और कुल्हाड़ी लेकर चलते हैं । हालांकि स्थानीय प्रशासन इस बाघिन को पकड़ने के लिए काफी प्रयास कर रही है , लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है । ऐसी स्थिति में स्कूली बच्चे अपनी शिक्षा में कोई व्यवधान न आए , इसके लिए बिना डरे स्कूल तो जा रहे हैं , लेकिन साथ में बाघ से निपटने के लिए धनुष बाण भी लेकर चल रहे हैं ।
बता दें कि पिछले 10 दिनों से घाटशिला अंतर्गत आने वाले मिर्गीटांड़ इलाके में एक बाघिन की दहशत व्याप्त है । स्थानीय लोगों में इस कदर डर पसरा पड़ा है कि वह अपने खेतों और जंगलों में नहीं जा रहे हैं । यह बाघिर इलाके में तीन जानवरों को अपना निशाना बना चुकी है । इस सब के चलते लोग काफी घबराए हुए हैं। ऐसे में जहां लोग अपने घरों में छिपकर बैठ रहे हैं , वहीं स्कूल जाने वाले बच्चों ने इस बाघिन से दो-दो हाथ करने की ठान ली है । यही कारण है कि यह लगातार स्कूल जा रहे हैं और बाघिन से सामना होने की सूरत में उससे निपटने को भी तैयार हैं ।
ये बच्चे अपने साथ धनुष बाण के साथ ही कुल्हाणी लेकर चल रहे हैं । हालांकि पहले बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया था लेकिन अब वह इस बाघिन से भिड़ने को तैयार हैं । इन बच्चों की हिम्मत देखकर स्कूल के मास्टर भी अपने साथ कुल्हाणी लेकर स्कूल आ रहे हैं । प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर बंकिम महतो इस बारे में कहते हैं कि बच्चों की हिम्मत को देखकर वह काफी उत्साहित हैं । वह खुद कुल्हाणी लेकर स्कूल आ रहे हैं । इतना ही नहीं इन बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो , इसलिए कुछ लोग भी हथियारों के साथ स्कूल के आसपास मौजूद रहते हैं ।
वहीं वन विभाग की टीम ने लोगों से बाघ के दिखने पर प्रशासन को सूचना देने का आग्रह किया। ग्रामीणों को अपने मवेशी को जंगल के भीतर नहीं छोड़ने, रात में मवेशी को घर के अंदर बांधने और जंगल से सटे गांव के लोगों को घर के बाहर आग जलाकर रखने की हिदायत दी गई। बासाडेरा के सबरों ने खराब ट्रांसफॉर्मर दुरुस्त करने, पीसीसी सड़क, पेंशन दिलाने की समस्या को अधिकारियों के समक्ष रखा, जिसके निदान के लिए सूचीगत किया गया है।