मुंबई । अमूमन वाहन चालकों को रास्ते में पुलिस के रोके जाने और पुलिस की चैकिंग का डर सताता रहता है । लेकिन यातायात पुलिस द्वारा अब लोगों को रोकने और बेवजह उनके वाहनों की चैकिंग को लेकर कमिश्नर ऑफ पुलिस (CP) हेमंत नागराले ने एक नया आदेश यातायात विभाग के लिए जारी किया है । इस आदेश में कहा गया है कि ट्रैफिक पुलिस वाले गाड़ियों की चेकिंग नहीं करेंगे, खासतौर पर जहां चेक नाका हो, वो सिर्फ ट्रैफिक की मॉनिटरिंग करेंगे और इस पर फोकस करेंगे कि ट्रैफिक सामान्य रूप से चले । आदेश में कहा गया है कि वह किसी भी वाहन को तभी रोक सकेंगे जब उससे यातायात प्रभावित हो सकता हो ।
विदित हो कि अमूमन देखा जाता है कि पुलिस की वाहनों की जांच के चलते कई जगहों पर वाहनों की कतार लग जाती है , जिसके चलते न केवल जाम लगता है , बल्कि कुछ लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । वहीं वाहन जांच के नाम पर कुछ यातायात पुलिस वालों पर उगाही करने का भी आरोप लगता रहा है ।
वहीं कई मामलों में ऐसा भी देखने में आता है कि ट्रैफिक पुलिस सिर्फ संदेह के आधार पर कहीं भी गाड़ियों को रोककर न केवल गाड़ी के अंदर की जांच करते हैं बल्कि वाहन चालक से भी काफी पूछताछ करते हैं। वैसे सुरक्षा के लिहाज से इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए , लेकिन कई बार इस सबसे चलते न केवल यातायात प्रभावित होता है , बल्कि कुछ लोगों को बेवजह परेशानी का भी सामना करना पड़ता है।
इस सब को लेकर अब कमिश्नर ऑफ पुलिस नागराले ने एक सर्कुलर जारी किया है , जिसमें कहा गया है कि सभी यातायात पुलिसकर्मी अब गाड़ियों की जांच नहीं करेंगे । इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है - क्योंकि सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ रहा है, इसलिए यह फैसला लेना जरूरी है । इसके साथ ही यातायात पुलिस कर्मियों को ट्रैफिक की आवाजाही पर निगरानी रखने को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा गया है । सर्कुलर में ये कहा गया है कि अगर मोटर चालक यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो उन्हें यातायात पुलिस मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपित कर सकती है ।
हालांकि उन्हें वाहनों की किसी भी तरह की जांच में शामिल नहीं होना चाहिए। यातायात पुलिस और स्थानीय पुलिसकर्मियों की ओर से संयुक्त नाकाबंदी के दौरान यातायात पुलिस केवल यातायात उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करेगी और वाहनों की जांच नहीं करेगी । अगर इन निर्देशों को सख्ती से लागू नहीं किया जाता है, तो संबंधित यातायात चौकी के वरिष्ठ निरीक्षक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा ।
साफ कर दिया गया है कि ट्रैफिक पुलिस के जवान पहले की तरह यातायात अपराधों के खिलाफ चालान जारी रखेंगे और यातायात उल्लंघन करने वालों को रोकेंगे। लेकिन वह वाहनों को जांच के लिए नहीं रोक सकेंगे , ऐसा तब जब जांच करना बहुत जरूरी न हो।