मुंबई । क्या महाराष्ट्र की फणनवीस सरकार अपने गठन के कुछ ही दिनों में गिरने जा रही है ? असल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फणनवीस सरकार को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिए जाने के बाद राज्य में कुछ ऐसी ही खबरें हैं । इस सब के बीच एनसीपी नेता अजित पवार ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है । अजित पवार एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात करने के बाद सीएम फणनवीस से मुलाकात के लिए उनके घर पहुंच गए है । इस दौरान प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पिछले चार-पांच दिनों से हम अजित दादा से बात कर रहे थे, वो राज्य की स्थिति को बेहतर जानते हैं । हमने उन्हें बता दिया है कि सारे एनसीपी विधायक हमारे साथ आ गए हैं , कोर्ट ने अब जो समयसीमा निर्धारित की है, उसके बाद उनके सामने करने को कुछ नहीं रह जाता । अजित पवार ने कहा कि वह जल्द ही अपने फैसले से एनसीपी को अवगत कराएंगे ।
बता दें कि मुंबई के एक होटल में सोमवार को एनसीपी - कांग्रेस और शिवसेना के विधायकों का शक्ति परीक्षण हुआ । इस सब के बाद मंगलवार सुबह सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सरकार को बड़ा झटका देते हुए फ्लोर टेस्ट के लिए समयसीमा निर्धारित कर दी है । इस सब के बीच एक बात जो एनसीपी के खेमे में घबराहट पैदा कर रही है , वह यह है कि अभी भी बड़ी संख्या में कई विधायक ऐसे हैं जो अजित पवार के काफी करीबी हैं। भले ही वह शक्ति परीक्षण के दौरान होटल में मौजूद रहे हों , लेकिन ऐसी भी संभावना है कि वह फ्लोर टेस्ट के दौरान अजित पवार के समर्थन में भाजपा को वोट दे डालें।
यही कारण है कि अजित पवार को मनाने के लिए शरद पवार अपने 'दूतों' को बार बार उनके पास भेजा है । इसी कड़ी में मंगलवार एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार के बीच मुलाकात हुई । इस मुलाकात को लेकर प्रफुल्ल पटेल ने कहा - अजित पवार आगे क्या करना चाहते हैं थोड़े समय में बताएंगे । कोर्ट ने जो समय दिया है , उसके बाद भाजपा के पास कुछ नहीं रह जाता। एनसीपी के नेता पार्टी के साथ खड़े हैं। ऐसे में वह अकेले पड़ गए हैं । इस सब के बीच क्या आगे तय होता है अजित पवार थोड़ी देर में बताएंगे । हम पिछले चार पांच दिनों से उनसे बात कर रहे हैं , सरकार बननी चाहिए थी ये तो था लेकिन वो हमारी बात सुन और समझ रहे हैं ।
हालांकि प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात के बाद अजित पवार सीएम देवेंद्र फणनवीस के घर उनसे मिलने पहुंचे हैं । दोनों राज्य के राजनीतिक हालातों पर चर्चा करेंगे । ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि अजित पवार सरकार के बहुमत हासिल न कर पाने की स्थिति में पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दें, जिसके बाद फ्लोर टेस्ट की स्थिति ही पैदा नहीं होगा और सरकार गिर जाएगा ।