इलाहाबाद। विभागीय मामले को लेकर हाईकोर्ट में पेशी के दौरान वाराणसी के अधिशासी अभियंता विजय कुशवाहा को जींस और शर्ट पहनना महंगा पड़ गया। अब कोर्ट ने उनपर ड्रेसकोड के उल्लंघन करने पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और मामले की सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की इसके साथ ही उनके सर्विस रिकाॅर्ड में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि अधिशासी अभियंता को अपने ही विभाग के सेवानिवृत्ति कर्मचारी की पेंशन आदि भुगतान के मामले में कोर्ट में तलब किया गया था।
गौरतलब है कि मामले की सुनवाई के दौरान अधिशासी अभियंता विजय कुशवाहा हाईकोर्ट में कैजुअल ड्रेस पहनकर आ गए। जींस पैंट और गुलाबी रंग की शर्ट पहनकर पहुंचे अभियंता को देखकर मामले की सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की पीठ ने कहा कि यूपी सरकार में प्रथम श्रेणी के अधिकारी ऐसे ही ड्रेस पहनते हैं और क्या यह सरकार की तरफ से ऐसे ड्रेसकोड को मान्यता दी गई है? कोर्ट ने यह भी कहा कि एक सरकारी अधिकारी को इस बात का पता होना चाहिए कि कोर्ट में पेश होते समय क्या ड्रेस पहनना है।
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यहां बता दें कि हाईकोर्ट ने इस बात को लेकर अधिशासी अभियंता पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और एक महीने के अंदर इसे महानिबंधक के पास जमा करने के आदेश दिया है। रकम जमा नहीं करने की सूरत में उनसे भू राजस्व की वसूली वाला तरीका अपनाने का भी आदेश दिया है। इसके साथ ही सिंचाई विभाग के सचिव को अधिशासी अभियंता विजय कुशवाहा की सर्विस रिकाॅर्ड में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के साथ उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
गौर करने वाली बात है कि सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके एक कर्मचारी का सेवानिवृत्ति परिलाभ और पेंशन विभाग ने रोक दिया था। उसकी मृत्यू के बाद पत्नी ने इसके भुगतान के लिए याचिका दायर की लेकिन सरकारी बाबुगिरी के चक्कर में उसे बार-बार दौड़ाया जाने लगा। कोर्ट ने याची को 2011 से 2014 तक भुगतान नहीं करने पर इस अवधि का 6 फीसदी ब्याज के साथ बकाया भुगतान करने का आदेश दिया है।