पटना । बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप परिवार के बाद अब पार्टी के लिए बागी बनते दिख रहे हैं। खबरें है कि वह बिहार की सारण सीट पर अपने ससुर चंद्रिका राय के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव समर में उतर सकते हैं। तेजप्रताप , अपने ससुर को राजद द्वारा सारण सीट से उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध कर रहे थे । छोटे भाई तेजस्वी और पार्टी नेताओं द्वारा उन्हें अनसुना किए जाने के बाद उन्होंने बागी तेवर अपना लिए हैं। हालाकि अभी तेजप्रताप ने अपने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनावों में उतरने का कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। वहीं हालिया घटनाक्रम से नाराज तेजप्रताप ने छात्र राजद के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया है।
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बता दें कि लालू परिवार में पिछले कुछ समय से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। तेजप्रताप द्वारा पत्नी ऐशवर्या से तलाक की अर्जी पटना की फैमिली कोर्ट में क्या डाली, परिवार एक के बाद एक विवादों में घिरता जा रहा है। इन दिनों लालू के दोनों बेटों तेजप्रताप और तेजस्वी यादव के बीच लोकसभा चुनावों में सीट और टिकट बंटवारे को लेकर गतिरोध बढ़ गया है। तेजस्वी कुछ सीटों पर अपने करीबी उम्मीदवारों को उम्मीदवार बनवाना चाहते थे , लेकिन उनकी ज्यादा सुनी नहीं जा रही है। असल में तेज प्रताप यादव शिवहर और जहानाबाद सीट से अपने समर्थकों को टिकट देने की मांग पर अड़े थे. पार्टी के ऊपर दबाव बनाने के लिए वह पत्रकार वार्ता करने जा रहे थे लेकिन अंतिम समय में लालू यादव के हस्तक्षेप के चलते उन्होंने इसे रद्द कर दिया। इससे गुस्सा तेजप्रताप ने गुरुवार को छात्र राजद के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया।
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बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय के बेटे चंद्रिका राय लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के ससुर है। उनकी बेटी ऐशवर्या से ही तेजप्रताप की शादी हुई । चंद्रिया राय परसा विधानसभा सीट से विधायक है, इस बार राजद ने उन्हें सारण सीट से लोकसभा चुनावों का उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से पिछले चुनावों में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी उम्मीदवार थीं, जिन्हें भाजपा के राजीव प्रताप रूड़ी ने हरा दिया था।
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इस बार इस सीट पर राजद ने चंद्रिका राय को अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि उनकी बेटी और पत्नी ऐशवर्या से गतिरोध के चलते अब लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप अपने ससुर को सारण सीट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। सूत्रों का कहना हैं कि तेजप्रताप काफी गुस्से में हैं और खुद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सारण से चुनाव मैदान में उतरने की बात कह चुके हैं। हालांकि अभी इसके संबंध में उन्होंने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
बता दें कि लालू परिवार के लिए यह सीट काफी अहम रही है। वर्ष 1977 में लालू यादव ने इसी सीट से अपनी संसदीय पारी की शुरुआत की थी। जिस लोकसभा सीट को सारण कहा जा रहा है पहले उसे छपरा सीट कहा जाता था। परिसीमन के बाद इनमें बदलाव हुआ था। 2009 में लालू यादव इसी सीट से सासंद बने थे ।