गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश के आवास विकास परिषद की गाजियाबाद स्थित सिद्धार्थ विहार योजना में एपेक्स हाइट्स प्राइवेट लिमिटेड की नियमों की अनदेखी कर फ्लैट बनाए जाने के मामले में अब जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है । असल में बिल्डर ने जिस तरह से फ्लैट बनाने में मनमानी की है उसे लेकर प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जब तक मानक पूरे नहीं होते बिल्डर को कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। सोमवार को इस मामले में यूपी के आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद ने परिषद के अधिकारियों से वार्ता की और अब तक इस मामले में जो भी जांच हुई या तथ्य सामने आए हैं उनसे जुड़े कागजात देखे ।
इस पूरे मुद्दे पर आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद ने कहा कि पिछले कुछ समय में एपेक्स हाइट्स के प्रोजेक्ट को लेकर कुछ शिकायतें आई थी । इन शिकायतों की शासन ने अपने स्तर पर जांच करवाई । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इसकी जांच की है, उसकी आख्या मिली है जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है । उस आख्या का मुख्य बिंदु ये है कि जो नक्शा स्वीकृत हुआ था उसके अनुसार ही निर्माण किया गया है, लेकिन जो ईडब्ल्यूएस और एलआईजी का निर्माण उन्हें करना था वह नहीं किया गया । हालांकि ये भी है कि उतनी हाइट की बिल्डिंग अभी कम बनी है यानी उसकी जगह अभी बाकी है ।
इस बारे में अपने बयान में आवास आयुक्त ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिली हैं कि ईडब्ल्यूएस और एलआईजी का निर्माण किए बिना लोगों को भौतिक कब्जा दिया जा रहा है । इस पूरे मामले में अब प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि बिल्डर को अपने दायित्व को निभाने के बाद ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा । बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट के बिल्डर किसी फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं कर पाएगा ।
उन्होंने कहा कि बिल्डर को जितनी कुछ जमीन दी जानी थी अभी उसका पूरी हस्तांतरण नहीं हो पाया है, क्योंकि बीच में कुछ हाईटेंशन लाइन हैं, जो भूमि आवंटित थी उसमें कुछ भूमि अभी और दी जानी है ।