नई दिल्ली । असम विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण के दौरान एक लावारिस गाड़ी से ईवीएम मिलने के बाद मचे हंगामे के बाद अब कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है । जांच में यह गाड़ी भाजपा के एक उम्मीदवार की बताई जा रही है , जिसके बाद चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के चार अधिकारियों को असम ईवीएम मामले में सस्पेंड कर दिया है। इस मामले को लेकर विपक्ष ने भाजपा को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है ।
विदित हो कि असम में भाजपा उम्मीदवार की कार में ईवीएम मिलने के मामले की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने इसकी जांच करवाई । इस घटनाक्रम की जांच को लेकर अब तक जो मामला सामने आया है उसके अनुसार , असम में पोलिंग पार्टी 149-इंदिरा एमवी स्कूल ऑफ एलएसी 1 रतबारी (SC) रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी ष उस पोलिंग पार्टी में एक पीठासीन अधिकारी और 3 मतदान कर्मी शामिल थे। उनके साथ एक कांस्टेबल और एक होमगार्ड शामिल पुलिस कर्मी भी थे। दुर्घटना के बाद गाड़ी खराब होने के चलते पीठासीन अधिकारी ने भाजपा विधायक की गाड़ी में लिफ्ट लेने की बात कही है।
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, लिफ्ट लेकर जब भाजपा विधायक की गाड़ी से पोलिंग पार्टी लौट रही थी तभी स्थानीय लोगों ने देख लिया और गाड़ी रोक दिया। पोलिंग पार्टी के सदस्यों को स्थानीय लोगों ने गाड़ी से निकाल दिया और भीड़ हिंसात्मक भी होने लगी।
विदित हो कि चुनाव आयोग से की गई शिकायत में कहा गया था कि जो ईवीएम भाजपा विधायक की गाड़ी से मिली वो वोटिंग के बाद की है। हालांकि जांच के बाद जो रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास पहुंची है उसके मुताबिक ईवीएम की सील नहीं टूटी है। इस बीच चुनाव आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी से दूसरी रिपोर्ट का भी चुनाव है को इंतजार है।
विदित हो कि असम में ईवीएम मामले में चुनाव आयोग ने बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। चुनाव आयोग ने असम में EVM से जुड़ी घटना पर तथ्यात्मक रिपोर्ट जारी की है।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता सरल पटेल ने एक ट्वीट कर इस घटना के बारे में जानकारी दी थी । उन्होंने कहा कि पथराखंडी सीट से भाजपा उम्मीदवार कृष्णेंदू पॉल के कार से ईवीएम पाई गई है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि ईवीएम उनकी कार में क्यौं और कैसे हैं। इस मामले की जांच होनी चाहिए।