नई दिल्ली । अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के आपराधिक मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल सीबीआई जज ने सुप्रीम कोर्ट को खत लिखकर पुलिस सुरक्षा मांगी है । जज की इस मांग को लेकर जस्टिस रोहिंग्टन ने कहा है कि जज की मांग जायज है । इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने जज की मांग के आधार पर यूपी सरकार से जवाब मांगा है । जस्टिस रोहिंग्टन ने कहा, यूपी सरकार इस संदर्भ में अपना जवाब दायर करें । वहीं, यूपी सरकार ने जज का कार्यकाल बढ़ाने के लिए दो सप्ताह की अतिरिक्त मोहलत मांगी है । सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को दो सप्ताह की अतिरिक्त मोहलत दी है ।
विदित हो कि अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के जिस आपराधिक मामले की सुनवाई स्पेशल सीबीआई जज कर रहे हैं , उसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार जैसे बड़े आरोपी हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले इस मामले की सुनवाई कर रहे जज एसके यादव का कार्यकाल 6 महीने और बढ़ाया था । जज 30 सिंतबर को रिटायर हो रहे थे । मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है । ये मामला इन दिनों लखनऊ की निचली अदालत में चल रहा है । अप्रैल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इन नेताओ के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा को बहाल किया था ।
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को मामले की रोजाना सुनवाई करके 2 साल के भीतर निपटाने को कहा था । लेकिन समयसीमा पूरी होने के बावजूद मुकदमा पर फैसला नहीं आ सका । ऐसे में जज यादव के कार्यकाल को सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दिया था। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को खत लिखकर अपने लिए सुरक्षा की मांग की है ।