लखनऊ । बलिया गोलीकांड को लेकर एक बार फिर से यूपी पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही है । इस गोलीकांड के मुख्य आरोपी के पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद फरार हो जाने से पुलिस पर गंभीर आरोप लग रहे हैं । गोलीकांड का मुख्य आरोपी भाजपा का कार्यकर्ता है, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है । वहीं पुलिस ने कार्यवाही करते हुए मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई को गिरफ्तार कर लिया है । गोलीकांड में शामिल 8 लोगों में से मुख्य आरोपी के भाई समेत 5 लोगों की गिरफ्तारी की बात पुलिस ने कही है , जबकि पुलिस के अऩुसार शेष अभी भी फरार हैं । वही सरकार ने इलाके के सीओ समेत एसडीएम को निलंबित कर दिया गया है । वहीं आरोपी के हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। वहीं भाजपा विधायक ने मुख्य आरोपी का पक्ष लेते हुए कहा कि उसने अपने बचाव में गोली चलाई थी।
पुलिस अफसरों पर कार्यवाही
बलिया के इस गोलीकांड में पुलिस की लापरवाही के चलते इलाके के सीओ को सस्पेंड कर दिया गया है । पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि जब उसे 6-7 पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल पर ही घेर लिया था तो आखिर वह भागने में कैसे सफल हुआ । इतना ही नहीं पुलिस पर आरोप है कि एक दबंग ने पुलिस अफसरों के सामने न केवल दूसरे पक्ष के लोगों से मारपीट की , जबकि उनपर सरेआम कई राउंड गोलियां चलाई। इस दौरान पुलिस अफसर कुछ नहीं कर सके ।
भाजपा विधायक आए बचाव में
इस पूरे घटनाक्रम पर बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने इस बात को स्वीकारा कि धीरेंद्र प्रताप सिंह भाजपा का कार्यकर्ता है। उन्होंने कहा कि बलिया गोलीकांड एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है । फायरिंग और मारपीट में धीरेंद्र सिंह की बहन, पिता और परिवार के कई सदस्यों को भी चोट आई है ।
छापेमारी जारी
बहरहाल, इस घटना के बाद पुलिस ने धीरेंद्र प्रताप समेत 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है । इन लोगों की धरपकड़ के लिए छापेमारी जारी है । पुलिस के आला अफसरों पर कार्रवाई के बाद अब पुलिस इन आरोपियों के करीब 20 ठिकानों पर छापे मार चुकी है । इस दौरान धीरेंद्र प्रताप के भाई देवेंद्र प्रताप को गिरफ्तार कर लिया गया है । वहीं घटना के वक्त मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है ।
आखिर क्या है मामला
बता दें कि गत 15 अक्टूबर को बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में कोटे की दुकान के आवंटन की प्रक्रिया जारी थी । इस दौरान पुलिस प्रशासन के कई बड़े अफसर मौजूद थे । इस दौरान चल रही कार्यवाही में दो पक्षों के लोग आपस में भिड़ं गए । इस सबके बीच गांव के ही दबंग धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ डब्ल्यू ने अपने साथियों के साथ मिलकर दूसरे पक्ष पर हमला बोल दिया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस गोलीबारी में जयप्रकाश पाल को गोली लगी , जिसकी बाद में मौत हो गई । पुलिस ने इस मामले में धीरेंद्र प्रताप समेत 8 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करते हुए मौके पर मौजूद अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है ।
वीडियो आया सामने
गोलीकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह गोली चलाते हुए दिख रहा है । इसके बाद 6-7 पुलिसवाले उसे दबोचे खड़े हैं , लेकिन इस सबके बाद खबर आई कि वह भीड़ का फायदा उठाते हुए वहां से फरार हो गया ।