पटना । बिहार विधानसभा चुनावों में राजद के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। बिहार कांग्रेस एक बार फिर से बड़ी टूट की कगार पर खड़ी है । इसका दावा किया है पार्टी के नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह ने । उनका दावा है कि कांग्रेस के नवनिर्वाचित 11 विधायक पार्टी का ''हाथ'' छोड़ सकते हैं । पूर्व विधायक भरत सिंह का कहना है कि आने वाले दिनों में पार्टी को इस झटके का सामना करना होगा , लेकिन पार्टी आलाकमान ने अपने नेता के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि सब ठीक है ।
कांग्रेसी नेता भरत सिंह ने अपने इस दावे के साथ ही कहा कि मैं शुरुआत से ही कांग्रेस का राजद के साथ गठबंधन किए जाने का विरोध करता रहा । मैं कई सालों से इस गठबंधन का विरोध करता रहा हूं । उन्होंने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सदानंद सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया ।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय कांग्रेस के 19 विधायकों में से 11 ऐसे हैं जो कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे ही नहीं । वो तो पैसा देकर दिए पाए थे , जो अब जीत गए हैं और कांग्रेसी विधायक कहलाए जा रहे हैं। ऐसे समय में जब एनडीए अपने आप को मजबूत करने के प्रयास कर रहा है , ऐसे में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा का अहम रोल होगा । हालांकि वह भी ऐसे नेताओं में शामिल है, जो कांग्रेस को तोड़ना चाहते हैं।
भरत सिंह का आरोप है कि कांग्रेस के बागी होने वाले 11 विधायकों को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सदानंद सिंह का मार्गदर्शन मिल रहा है । असल में राज्यपाल कोटे से अभी एमएलसी का नॉमिनेशन होना है और सदानंद सिंह और मदन मोहन झा एमएलसी बनने की फिराक में हैं।