पटना । बिहार विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है । चुनाव आयोग ने चुनावों की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही इस बार गाइडलाइन भी जारी कर दी है । इस सबके बीच सियासी दलों की रणनीति को अंतिम रूप देने की योजनाएं बन रही हैं , लेकिन इस सबके बीच एनडीए को झटका लगा है । केंद्र और राज्य सरकार को अपना समर्थन देने वाली लोक जनशक्ति पार्टी ने टिकटों को लेकर एनडीए के समीकरण को बिगाड़ दिया है । जदयू ने गठबंधन के सामने अपनी बात रखते हुए इस बार के विधानसभा चुनावों में 42 सीटों की मांग की है । साथ ही गठबंधन को चेतावनी दी है कि अगर उन की मांग पूरी नहीं की गई तो वह अकेले भी चुनावों में उतर सकती है ।
बता दें कि पिछले कुछ समय से लोजपा के नेता चिराग पासवान सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर रहे हैं । कुछ मुद्दों पर उन्होंने नीतीश सरकार को भी आड़े हाथों लिया , हालांकि इस दौरान कहा जा रहा था कि यह सब चुनावी दांव पेच हैं , जो विधानसभा चुनावों के नजदीक आने के सथ ही लोजपा की ओर से चले जा रहे थे । लेकिन अब जब चुनावों का शंखनाद हो चुका है , लोजपा ने इस बार के चुनावों में गठबंधन से अपने लिए 42 सीटें मांगी हैं ।
एलजेपी ने गठबंधन के नेताओं के सामने पार्टी नेता चिराग पासवान ने यह तर्क रखा है कि उन्हें वर्ष 2015 के विधानसभा चुनावों में 42 सीटों पर लड़ने का मौका मिला था । ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें 7 सीटें मिली थी । वहीं वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें 6 सीटें मिली थी , जिसके अनुपात को अगर देखे तो इस बार भी उन्हें 42 सीटें मिलनी चाहिए ।
चिराग पासवान ने अपनी मांग रखते हुए साफ कर दिया है कि उन्हें 33 विधानसभा सीटों के साथ ही बिहार के राज्यपाल द्वारा मनोनीत 12 एमएलसी में से 2 MLC का कोटा मिलना चाहिए। इतना ही नहीं उन्हें अक्तूबर में होने वाले राज्यसभा चुनावों में से एक सीट उनकी पार्टी को दी जाएगी।
चिराग पासवान ने अपने फॉर्मूले में जो बात रखी है उसके अनुसार , अगर उन्हें राज्यसभा की सीट नहीं मिलती है तो एनडीए अपने घोषणापत्र के साथ यह भी ऐलान करे कि इस बार भाजपा के एक प्रतिनिधि के साथ ही एलजेपी से चिराग पासवान भी राज्य के उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे ।
बरहाल , इस सबके बाद ऐसी खबरें हैं कि उनकी मांगों को देखते हुए आज बिहार के भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव आज दोपहर बाद चिराग पासवान से मुलाकात कर इस मुद्दे पर आम राय बना सकते हैं । चिराग पासवान का कहना है कि इस समय राज्य में नीतीश कुमार के खिलाफ माहौल बना हुआ है , अगर उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया तो एनडीए चुनाव हार भी सकती हैं।