पटना । बिहार सरकार की ''हर घर नल का जल'' योजना पर अमल के दौरान सुबे के डिप्टी सीएम की बहू और रिश्तेदारों को 36 ठेके मिलने का मुद्दा गर्मा गया है । भले ही लोगों को इस योजना के तहत लोगों को टंकी से पानी तो मिला , साथ ही साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की बहू और उनके रिश्तेदारों को 56 करोड़ रुपये के ठेके भी मिले । सीएम नीतीश कुमार की गुड गवर्नेंस वाली सरकार पर बट्टा लगाती दिख रही इस करतूत पर डिप्टी सीएम तारकिशोर सिंह का कहना है कि बिजनेस करना कोई गलत काम तो है नहीं । इस मामले में किसी तरह का राजनीति संरक्षण नहीं हुआ है ।
विदित हो कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने ''हर घर नल से जल '' योजना चलाते हुए 1.08 लाख पंचायत और वार्ड तक इसे पहुंचाने की योजना बनाई । पिछले पांच सालों से चल रही इस योजना में कई लोगों को लाभ भी पहुंचा है , लेकिन इस प्रोजेक्ट से जुड़ी एक रिपोर्ट हाल में सामने आई है , जिसमें इस काम के लिए जिन लोगों को बड़ा कांट्रेक्ट मिला है , उसमें बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर सिंह की बहू और रिश्तेदारों के नाम भी शामिल हैं । ये वे लोग हैं , जिनके नाम से बनी कंपनियों को 56 करोड़ रुपये का सरकारी ठेका मिला है ।
हालांकि इस सूची में भाजपा और जदयू के कई अन्य नेताओं के भी नाम है , जिन्हें इस काम को करने का ठेका मिला था । हालांकि इस योजना को काफी सफल माना जा रहा है , लेकिन इस सूची में डिप्टी सीएम की बहू और रिश्तेदारों के नाम सामने आने पर विपक्ष ने भी आवाजें उठानी शुरू कर दी हैं ।
इस पूरे मामले में डिप्टी सीएम तारकिशोर सिंह ने कहा कि मुझे इस मामले में कोई राजनीतिक संरक्षण नहीं मिला है । जब मुझे यह ठेका मिला था उस दौरान में कटिहार से सासंद था , जबकि वह डिप्टी सीएम नवंबर 2020 में बनें । इस दौरान उन्होंने कहा कि कटिहार में 2800 यूनिट हैं , मेरे परिवार को सिर्फ 4 मिली हैं , बिजनेस करने में कुछ गलत तो नहीं है ।
उनके इस बयान के बाद जब मामले की तफ्तीश की गई तो सामने आया कि बिहार पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (PHED) ने कटिहार जिले के 9 पंचायतों के अलग अलग वार्डों में कुल मिलाकर 36 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी । सामने आया कि ये प्रोजेक्ट जिन कंपनियों को दिए गए , उनमें एक उनकी बहू पूजा कुमारी , दो साले प्रदीप कुमार भगत से जुड़ी हैं । इतना ही नहीं उनके कुछ रिश्तेदार प्रकाश चंद्र जायसवाल , ललित किशोर प्रसाद , संतोष कुमार को भी यह ठेके दिए गए हैं ।
इस पूरे मामले को लेकर विवाद इसलिए ज्यादा गहराया है , क्योंकि डिप्टी सीएम की बहू की जिस कंपनी को काम करने का ठेका दिया गया है , उस कंपनी के पास इस तरह के काम का कोई अनुभव ही नहीं है ।