पटना । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election) में इस बार नीतीश कुमार के नेतृत्व को अस्वीकार करते हुए एनडीए से अलग हुए लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने सुशासन बाबू यानी जेडीयू प्रमुख को पटखनी देने के लिए अपना बड़ा दांव चला है । पहले चरण के लिए अभी दो दिन बचे हैं , लेकिन मतदान से पहले चिराग पासवान ने एक ट्वीट के जरिए बड़ी राजनीतिक चाल चली है । असल में चिराग ने दोहरी चाल चलते हुए कहा- आप सभी से अनुरोध है की जहां भी लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है उन सभी स्थानो पर #बिहार1stबिहारी1st को लागू करने के लिए हमारे प्रत्याशीयो को वोट दें व जिन सीटों पर हमने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं वहां भाजपा को वोट दें । उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- आने वाली सरकार #नीतीशमुक्त सरकार बनेगी।#असम्भवनीतीश । चिराग पासवान की इस चाल से जहां राजद को बड़ा झटका लगेगा वहीं बिहार के सुशासन बाबू को भी वोट की चोट लगेगी ।
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वोटर असमंजस में
असल में इस बार सीटों के बंटवारे से नाराज चिराग पासवान ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनावी मैदान में नहीं जाएंगे । इसके बाद उन्होंने जेडीयू के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान भी कर दिया । लेकिन इस सबके बीच अपने वोटरों को असमंजस की स्थिति में फंसाए रखने का दांव इस बार चिराग पासवान ने भी खेला । उन्होंने इस बार के चुनावों में जेडीयू का तो विरोध किया है लेकिन भाजपा के समर्थन में उतरने की बात लगातार की है । उन्होंने अपने ट्वीट से इस बात को जाहिर भी कर दिया है। पढ़ें क्या बोले चिराग पासवान
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# नीतीश मुक्त सरकार
अपने इस ट्वीट में चिराग पासवान ने नीतीश मुक्त सरकार बनाने का हैशटैग भी चलाया है । उनका कहना है कि इस बार के विधानसभा चुनावों के बाद बिहार में नीतीश मुक्त सरकार बनेगी । उन्होंने कहा कि जनता नीतीश कुमार के राज से परेशान हो चुकी है । बीते 15 सालों में बिहार को बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा के अलावा कुछ नहीं मिला । हालांकि इस समय नीतीश कुमार भी एंटी इनकंबेंसी के मुद्दे को अहम मान रहे हैं।
सरकार के साथ की जुगत में चिराग
भले ही चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार के विरोध में अपने बयान दे रहे हों , लेकिन वह भाजपा के खिलाफ कुछ भी नहीं बोल रहे । यहां तक कि चुनावों में पीएम मोदी की विचारधारा को ही आगे लेकर चलने की बात कह रहे हैं । ऐसा करके वह नीतीश विरोधी विचारधारा को अपने पक्ष में भी करने की रणनीति बना रहे हैं । इतना ही नहीं वह जानते हैं कि भाजपा के बिना इस नीतीश कुमार की सरकार नहीं बन सकती । इसलिए इस बार वह भाजपा को ही ज्यादा मजबूत करने पर काम कर रहे हैं ताकि नीतीश कुमार का कद छोटा हो और जब सरकार गठन पर मंथन हो तो उस दौरान उनकी पार्टी को भी भाजपा अपने साथ रखते हुए कुछ सम्मान भी दे ।