पटना । बॉलीवुड में शॉटगन के नाम से मशहूर रहे बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपनी अगली पीढ़ी को फिल्मों के बजाए राजनीति में उतारने का फैसला किया, जिसके चलते कांग्रेस ने उनके बेटे लव सिन्हा को इस बार के विधानसभा चुनावों में बांकीपुर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है । शत्रुघ्न सिन्हा के रसूख को देखते हुए अब इस सीट पर मुकाबला रोमांचक हो गया है । इस सीट पर जहां भाजपा ने नितिन नवीन को अपना उम्मीदवार बनाया है , वहीं प्लुरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया भी इन दोनों की राह में रोड़े डालने को तैयार हैं। इनमें नितिन भाजपा से तीन बार के विधायक हैं।
कायस्थ बहुल है सीट
बता दें कि शत्रुघ्न सिंहा पटना साहिब से दो बार भाजपा के टिकट पर सांसद बने हैं। पिछले बार वह भाजपा का बागी नेता बनने के बाद कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़े और हार गए । उन्हें भाजपा के दिग्गज और कायस्थ नेता रविशंकर प्रसाद ने हराया । असल में इस सीट पर कायस्थ वोटरों का अच्छा दबदबा है । 2019 के विधानसभा चुनावों में कायस्थ समुदाय ने अपना वोट रविशंकर प्रसाद को दिया ।
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पुरानी परंपरागत सीट के तहत विधानसभा सीट से बेटे पर दांव
असल में भाजपा में रहने के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा न केवल पटना साहिब बल्कि बिहार में भी भाजपा के बड़े नेताओं में गिने जाने लगे थे । लेकिन कुछ गतिरोध के चलते उन्होंने पार्टी से अपना रुख मोड़ कांग्रेस की ओर कर लिया । अब उन्होंने अपनी परंपरागत पटना साहिब सीट के तहत आने वाली बांकीपुर विधानसभा सीट से बेटे लव सिन्हा को चुनावी मैदान में उतारकर अपनी सियासी विरासत सौंपने का मन बनाया है ।
जाने इस सीट का सियासी समीकरण
यूं तो बांकीपुर सीट कायस्थ बहुल है , इन्हीं लोगों के समर्थन के चलते शॉटगन दो बार संसद पहुंचे। लेकिन इस सीट में यादव , मुस्लिम और दलित मतदाता भी अपना अहम योगदान निभाते हैं । इस सीट से भाजपा के वर्तमान विधायक नितिन नवीन विधायक चुने जा रहे हैं । उनके पिता नवीन किशोर भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं ।
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भाजपा के बागी बढ़ाएंगे समस्या
भाजपा का इस सीट पर दबदबा तो हैं , लेकिन इस बार भाजपा के बागी ही इस सीट के लिए परेशानी का सबब बनने वाले हैं । असल में भाजपा की तेज तर्रार नेत्री सुषमा साहू , जिन्होंने प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष का पद भी संभाला है , वह इस सीट से टिकट न मिलने के चलते अब बागी हो गई हैं और इस बार निर्दलीय प्रत्याक्षी के रूप में मैदान में उतर रही हैं । उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग में भी सदस्य का पद संभाला था । वह वैश्य समाज से हैं , जिन्हें भाजपा का मतदाता कहा जाता है। ऐसे में वह नितिन की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं । वहीं इस बार खुद को बिहार का नया सीएम बता रहीं प्लुरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया की काफी सुर्खियां बंटोर रही हैं । इस सबके बीच अपने पिता की छवि को लेकर चुनावी मैदान में उतने की तैयारी लव सिन्हा ने भी कर ली है । लव सिन्हा को जहां महागठबंधन का समर्थन मिल सकता है ।
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