पटना । बिहार की भाजपा - जदयू गठबंधन वाली नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में शराबंदी के बाद एक बार फिर से नई पाबंदी लगाकार हंगामा खड़ा कर दिया है । नीतीश सरकार ने शराबबंदी के बाद अब राज्य में पान मसाले पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है , हालांकि सरकार ने अभी इस प्रतिबंध को 12 महीने यानी एक साल के लिए लगाया है । सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के नेताओं के साथ ही जनता की भी मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आ रही है । जहां सुशासन बाबू के इस फैसले को कई नेताओं ने स्वच्छ भारत की ओर बढ़ते बिहार का एक कदम बताया है , वहीं विपक्षी नेताओं ने इसे मोदी सरकारी की फांसीवादी नीतियों में से एक करार दिया है ।
बता दें कि अपने इस फैसले के साथ बिहार सरकार ने कहा है कि भारतीय संविधान के अनुसार राज्य सरकार अपने लोगों को पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने और जन स्वास्थ्य के सुधार करने हेतु स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थों के उपभोग को प्रतिबंधित कर सकती है।
असल में गत 05 जुलाई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में दिए गए निर्देश के आलोक में खाद्य संरक्षा आयुक्त ने राज्य के विभिन्न ब्रांड के पान मसाला पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध विभिन्न जिलों से प्राप्त पान मसाला के नमूनों के जांच में मैग्निशियम कार्बोनेट की मात्रा पाए जाने के कारण लगाई गई है।