नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता और बिहार के बेगुसराय से लोकसभा चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार सुबह बेगूसराय की व्यवहार कोर्ट के सीजेएम ठाकुर अमन कुमार की कोर्ट में सरेंडर कर दिया । गिरिराज सिंह पर आरोप है कि 24 अप्रैल को जीडी कॉलेज में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा के दौरान वंदे मातरम को लेकर उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय पर विवादित बयान दिया, जिसके चलते उनपर नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था । कोर्ट में सरेंडर के बाद उन्हें जमानत मिल गई है ।
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विदित हो कि लोकसभा चुनावों में पहले लोकसभा सीट बदलने को लेकर नाराजगी के चलते सुर्खियों में रहे गिरिराज सिंह ने गत 24 अप्रैल को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ एक रैली को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक समुदायर के लिए एक विवादित बयान दिया था । इस पर उनके खिलाफ एक मामला दर्ज हुआ था । असल में गिरिराज सिंह ने चुनावी सभा में कहा था कि जो व्यक्ति वंदे मातरम नहीं कह सकता है, वह अपनी मातृभूमि की पूजा कैसे कर सकेंगा। उन्होंने कहा था, 'मेरे पिता और दादा की मृत्यु गंगा किनारे हुई थी और उन्हें कब्र की जरूरत भी नहीं पड़ी , लेकिन तुम्हे मरने के बाद भी तीन हाथ जमीन की जरूरत है । इसके बाद भी अगर ऐसा करते हो तो देश तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा।
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उनके इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया था । उनके खिलाफ नगर थाने में मामला दर्ज हुआ था, जिसके बाद उन्होंने आज व्यवहार कोर्ट में सरेंडर कर दिया । सरेंडर करने पहुंचे गिरिराज सिंह ने कहा - मैं कानून का सम्मान करता हूं । गलतफहमी में मेरे ऊपर मामला दर्ज कराया गया है । उन्होंने कहा कि वंदे मातरम कहना देश में अपराध नहीं है। मैंने लोगों को सलाह दी थी ।