नई दिल्ली । दिल्ली के चांदनी चौक में चल रहे सौंदर्यीकरण के काम के चलते तोड़े गए हनुमान मंदिर को लेकर मंगलवार सियासत गर्मा गई । कुछ हिंदू संगठनों के मंदिर तोड़े जाने के विरोध में प्रदर्शन करने के साथ ही लोगों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है । वहीं भाजपा ने जहां दोबारा से वहां हनुमान मंदिर स्थापित करने की मांग कर डाली है , वहीं दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इसे भाजपा की एक चाल करार दिया है । इस सियासी घमासान में अब कांग्रेस भी कूद गई है ।
बता दें कि चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण के दौरान तोड़े गए हनुमान मंदिर को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है । सियासी बयानबाजियों के बीच मंगलवार को कुछ हिंदू संगठनों के लोग चांदनी चौक पहुंचे और इन लोगों ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की । इन लोगों ने हनुमान मंदिर को तोड़े जाने का भारी विरोध किया , दोबारा से यहां मंदिर बनाने की मांग की ।
इन लोगों की मांग को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली भाजपा ने भी सत्तारूढ़ सरकार से मांग कर डाली है कि वह योजना को संसोधित करके वहां हनुमान मंदिर को पुनः स्थापित करने की व्यवस्था करे ।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता बोले - हनुमान मंदिर के पुनः निर्माण के लिए जल्द पार्टी उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने की मांग करेगी । दिल्ली धार्मिक समिति के मंत्री सत्येंद्र जैन हैं और अगर वह चाहते तो धार्मिक समिति में इस मामले का समाधान कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वह बोले- सौंदर्यीकरण का काम शुरू होने पर वहां के स्थानीय आरडब्ल्यूए, स्टेकहोल्डर, बाजार संघ, व्यापार संघ ने इसका विरोध किया था लेकिन दिल्ली सरकार ने काम नहीं रोका ।
इससे इतर , भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि मंदिर के टूटने से लोगों की आस्था को ठेस पहुंचेगी और कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए मंदिर को न तोड़ा जाए ।
भाजपा के इस रुख पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है । 'आप' नेता दुर्गेश पाठक ने कहा- भाजपा शासित एमसीडी ने पहले चांदनी चौक स्थित सैकड़ों वर्ष पुराना हनुमान मंदिर तोड़ दिया और अब जनता के आक्रोश से बचने व अपने जघन्य अपराध को छिपाने के लिए हम पर आरोप लगा रही है > प्राचीन मंदिर को तोड़ने के लिए सीधे तौर पर भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के बड़े नेता जिम्मेदार हैं । इस जघन्य अपराध के लिए इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित MCD द्वारा कोर्ट में हलफनामा दायर करके यह बात कही गई है कि यह मंदिर अतिक्रमित जमीन पर बना हुआ है और हम इस हनुमान मंदिर को तोड़ना चाहते हैं, जिस पर कोर्ट ने उन्हें तोड़ने की अनुमति दी ।
उधर, कांग्रेस भी विवाद में भाजपा को घेरती हुई सामने आई । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी का कहना है कि "दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली सरकार की सहमति से ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मंदिर को हटाया है ।