नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ऑड-ईवन स्कीम को एक बार फिर से लागू करने संबंधी मुद्दे पर फैसला लेते हुए कहा कि अभी आसमान साफ है, इसलिए ऑड ईवन व्यवस्था को दोबारा से लागू करने की अभी कोई जरूरत नहीं है । हालांकि इससे पहले केजरीवाल कह चुके हैं कि दिल्ली में वायु प्रदूषण , पराली जलने के कारण ही है । इसके रूकने पर दिल्ली की वायु गुणवत्ता में अब और सुधार आ जाएगा । वहीं दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों पर केजरीवाल ने कहा, ''किसी भी शहर की पानी की गुणवत्ता का आकलन 11 नमूनों के आधार पर नहीं किया जा सकता।
बता दें कि दिल्ली में 4 नवंबर से 15 नवंबर तक लागू की गई ऑड ईवन व्यवस्था के पहले चरण को लेकर फिर से हंगामा हुआ था । विपक्षी दलों के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी एक बयान में कहा कि दिल्ली में वाहनों के लिए लागू की गई ऑड ईवन व्यवस्था लागू किए जाने से वायु प्रदूषण में कोई चमात्कारिक सुधार नहीं देखा गया है । इस सब के बीच दिल्ली की केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण के बढ़े स्तर को देखते हुए कहा था कि 18 नवंबर को एक बार फिर से स्थिति की समीक्षा किए जाने के बाद आगे भी ऑड ईवन व्यवस्था को लागू किए जाने पर फैसला लिया जाएगा ।
इस सब के बाद सोमवार को सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर कहा कि अब दिल्ली का आसमान साफ है । दिल्ली में जो प्रदूषण अभी बरकरार है , वो पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने के चलते है । जब ये पराली जलाने का क्रम बंद हो जाएगा तो यहां वायु की गुणवत्ता में और सुधार आ जाएगा । ऐसे में अब ऑड ईवन व्यवस्था को आगे भी जारी रखने की जरूरत नहीं है ।
वहीं पानी की गुणवत्ता को लेकर भी उन्होंने पलटवार किया । उन्होंने कहा- मात्र कुछ जगहों को पानी के सैंपल लेकर जांच करने से पूरी दिल्ली में पेयजल की गुणवत्ता पर सवाल उठाया जाना ठीक नहीं । केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान जी इस बात का खुलासा नहीं कर रहे हैं कि नमूने कहां से लिए गए थे । मैं दिल्ली के प्रत्येक वार्ड से 5 नमूने लूंगा, इसकी जांच करवाऊंगा और जनता के बीच इसके आंकड़े दूंगा।
विदित हो कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की जांच रिपोर्ट में दिल्ली की 11 जगहों से लिए गए सभी सैंपल जांच में फेल हो गए। चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली में बुराड़ी, कृषि भवन, अशोक नगर, नंद नगरी, जनता विहार से लेकर 12 जनपथ यानी खुद देश के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के सरकारी आवास का पानी सबसे गंदा है ।