नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ संबंधी बातों को उठाया है। इस बार उन्होंने निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हुए भाजपा के प्रति पक्षपात करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं उन्होंने तो यहां तक आरोप लगा दिए कि ईवीएम मशीन बनाने वाली कंपनियां भी मशीनों से छेड़छाड़ में शामिल हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब तक लोग भाजपा के नियंत्रण वाली ईवीएम के खिलाफ खड़े नहीं होंगे, लोकतंत्र को नही बचाया जा सकेगा। इस दौरान केजरीवाल ने लोगों को ईवीएम से छेड़छाड़ करने के 10 तरीके बताने की बात भी कही।
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आईआईटी से इंजीनियर हूं...
एक न्यूज चैनल से बातचीत में केजरीवाल ने ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के साथ ही कहा कि मैं खुद आईआईटी से इंजीनियर हूं, मैं खुद ऐसे 10 तरीके बता सकता हूं, जिससे ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग भाजपा को जिताने का प्रयास कर रहा है।
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बताया आखिर कैसे हो सकती है ईवीएम से छेड़छाड़
चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों और लोगों को ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किए जाने की खुली चुनौती दिए जाने के बीच केजरीवाल ने कहा कि मैं बताता हूं कैसे हो सकती है इन मशीनों से साथ छेड़छाड़। उन्होंन कहा कि दो अलग अलग कंपनियों द्वारा बनाई गई चिप को एक बग (वायरस) के जरिए चिप में डाला जाता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आरटीआई के तहत आयोग पहले जानकारी दे चुका है कि उनके पास ईवीएण की चिप में पड़े कोड को पढ़ने की क्षमता नहीं है।
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आयोग क्यों हर चीज छिपा रहा है
इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि पिछले दिनों कई ऐसे खबरें आईं कि जो भी बटन दबाओ वोट भाजपा को ही जा रहा था। इसको लेकर जब सवाल उठाए जाते हैं तो चुनाव आयोग एक ही बात कहता है कि ईवीएम में कोई परेशानी नहीं है न ही इससे कोई छेड़छाड़ कर सकता है। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर आयोग क्यों हर चीज को छिपाने में लगा है। आयोग अगर कोई तकनीकी जांच कराए और निष्कर्ष को सबसे सामने रख दें तो लोगों का भ्रम भी दूर हो जाएगा।
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