लखनऊ । कांग्रेस के स्थापना दिवस पर नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लखनऊ में पार्टी ने एक मार्च आयोजित किया है , जिसका नेतृत्व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कर रही है । इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के साथ ही CAA को लेकर सरकार की सोच पर जोरदार हमला किया । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कायरों की सरकार है । उन्होंने कायर होने का उदाहरण देते हुए कहा कि कायर असल में दो तरह से पलटवार करता है , एक वो दूसरे की आवाज दबाने की कोशिश करता है और दूसरा पीछे हटता है । मोदी सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर इसी तरह का कायरपन दिखाया गया है । पहले उन्होंने इस एक्ट का विरोध करने वालों का मुंह बंद करने की साजिश रचते हुए उनपर डंडे बरसाए । जब देश के नौजवान इस एक्ट के विरोध में सड़कों पर उतर आए तो पीछे हटते हुए कहा कि हमने तो कभी भी NRC पर चर्चा ही नहीं की , हम तो NPR की बातें कर रहे थे ।
लखनऊ में आयोजित एक मार्च के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर तीखे हमले करते हुए कहा - आज देश के हर शहर में , देश के कोने कोने में , नौजवान उनके खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं , जो इस देश के संविधान पर वार कर रहे हैं । देश का नौजवान उठ रहा है ...आवाज उठ रही है , लेकिन सरकार दमन और भय द्वारा उनकी आवाज दबा रही है ।
लखनऊ में प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधा है । प्रियंका ने कहा है कि आज देश खतरे में है । नागरिकता संशोधन एक्ट और एनआरसी से लोगों को डराया जा रहा है । देश में डर का माहौल पैदा किया जा रहा है । सरकार छात्रों की आवाज दबा रही है । इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यूपी चुनाव अकेले लड़ने के लिए हमें मजबूती चाहिए ।
कांग्रेस के स्थापना दिवस पर अहमद पटेल ने कहा है कि इस आंदोलन ने साम्राज्यवाद को उखाड़ फेंका और लोकतंत्र में हमारे परिवर्तन को सुनिश्चित किया । हालांकि कुछ तत्व इसे पसंद नहीं करते हैं, लेकिन कांग्रेस आने वाली सदियों तक भारत को मजबूत करना जारी रखेगी ।
इससे इतर , कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि भाजपा ने संस्थाओं में साम्प्रदायिक जहर घोल दिया है। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, 'भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है । भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिक जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।