नई दिल्ली । किसी आपराधिक वारदात का चश्मदीद पुलिस को जो बयान दे और बाद में कोर्ट में अपने बयान से पलटे तो उसे परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे ही एक मामले में दिल्ली की साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरके सिंह ने वारदात का चश्मदीद गवाह होने के बावजूद अपने बयान से पलटने पर उस नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उसे भेज नोटिस में पूछा है कि क्यों ने उसेके बयान से पलटने के चलते उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। हालांकि न्यायाधीश ने लूट व हत्या से जुड़े एक मामले में (जिसमें गवाह चश्मदीद था) दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
वारदात देख लोग अनदेखा कर देते हैं
कोर्ट ने लूट का विरोध करने पर एक व्यक्ति की हत्या किए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए कहा- मौजूदा समय में लोग अपराध होता देखते रहते हैं। वह घटना को अनदेखा कर देते हैं, जबकि वह एकजुट हो जाएं तो अपराधियों के हौसले पस्त हो जाएं। अगर जनता इन अपराधियों के खिलाफ खड़ी होती तो ही अपराध को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने लूट-हत्या के इस मामले के चश्मदीद गवाह रहे संदीप को सीआरपीसी की धारा 344 के तहत नोटिस जारी किया है।
पार्क में लूट-हत्या की वारदात
असल में कोर्ट ने जिस मुकदमे को लेकर यह बयान दिए हैं, वह मामला लूट और उसके बाद व्यक्ति की हत्या से जुड़ा है। घटना 17 जनवरी 2017 की है। दिल्ली के अंबेडकर नगर थानाक्षेत्र के दक्षिणपुरी स्थित एक पार्क में तीन लोगों ने सुरेश नाम के व्यक्ति से लूट का प्रयास किया। लूटेरे में से एक नाबालिग था। इन तीनों ने सुरेश द्वारा लूट का विरोध करने पर उसकी चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। इस मामले मे संदीप एक चश्मदीद गवाह था साथ ही आरोपियों के पार्क में घुसने और भागने की तस्वीर एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी, जिसके आधार पर वह पकड़े गए थे।