नई दिल्ली । दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के लिए इस बार ‘सत्ता का सफर’ पिछली बार की तरह आसान नहीं रहेगा । हालांकि दिल्ली में हवा अभी भी आप की बहती नजर आ रही है , लेकिन एक बहुत बड़ा तबका पार्टी के विरोध में खड़ा नजर आ रहा है। ये वो लोग हैं , जो या तो जनआंदोलन से खड़ी हुई पार्टी को आगे बढ़ते देखना चाहते थे और दूसरे वो जो एक समय आप को आगे बढ़ाने के लिए अहम चेहरे थे । बहरहाल , इस बार पार्टी ने अपने 67 विधायकों में से 45 को चुनावी मैदान में उतारा है, शेष का या तो टिकट काट दिया गया या खुद नेताओं ने अपने आप को पार्टी से अलग कर लिया है । आम आदमी पार्टी के भीतर जारी गतिरोध का फायदा उठाने के लिए अन्य दलों ने रणनीति बनाई है । यही कारण है कि कांग्रेस और भाजपा ने आम आदमी पार्टी के 2-2 विधायकों को अपने टिकट से चुनावी समर में उतारा है । ऐसे में आप को भी अपने बागियों से पार पाना होगा, वहीं कई दिग्गज नेताओं के अब पार्टी के साथ न होना भी उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
भाजपा ने इनपर लगाया दाव
अगर बात भाजपा की करें तो भाजपा ने आम आदमी पार्टी के दो बागी विधायकों को टिकट दिया है। इसमें केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा एक हैं , जिन्हें मॉडल टाउन इलाके से टिकट दिया गया है । 2015 में वह करावल नगर से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे । इसी क्रम में भाजपा ने आप के बागी विधायक अनिल वाजपेयी को गांधी नगर सीट से टिकट दिया है । हालांकि भाजपा ने दो अन्य विधायक वेद प्रकाश और देवेंद्र सहरावत को टिकट नहीं दिया है । वेद प्रकाश ने अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा के टिकट पर बवाना सीट से उपचुनाव लड़ा था, लेकिन वो हार गए थे।
कांग्रेस ने लांबा –शास्त्री को दिया टिकट
वहीं अगर कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस ने चांदनी चौक इलाके से आप की बागी विधायक अलका लांबा और आदर्श शास्त्री को टिकट दिया है । दोनों नेताओं को कांग्रेस ने भले ही टिकट अपना दिया हो , लेकिन दोनों अपनी पूर्व की सीट पर ही चनाव लड़ेंगे । इसका मतलब ये है कि चांदनी चौक और द्वारका सीट पर आम आदमी पार्टी को अपने ही बागी विधायकों के सामने चुनावी मैदान में उतरना होगा ।
अन्य चार विधायकों की यह है स्थिति
इनके अलावा चार अन्य विधायक हैं जो इस बार चुनावों में उतरने वाले हैं । इनमें से जहां दो विधायक निर्दलीय रूप से चुनावी मैदान में उतरे हैं । आप ने हरिनगर सीट से जगदीप सिंह का टिकट काटा तो उन्होंने इस सीट पर निर्दलीय रूप से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है । वहीं सीलमपुर सीट से हाजी मोहम्मद इशराक का भी आप ने टिकट काटा तो उन्होंने निर्दलीय नामांकन दाखिल कियाहै । इसी क्रम में दिल्ली कैंट के विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट काटा गया तो उन्होंने नामांकन के अंतिम दिन पार्टी छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दामन थामा और उनके टिकट पर नामांकन दाखिल कर दिया । वहीं बदरपुर सीट से विधायक एनडी शर्मा का आप ने टिकट काटा तो उन्होंने बसपा का दामन थामा और उसी सीट से बसपा के टिकट पर नामांकन दाखिल कर दिया । इतना ही नहीं एनडी शर्मा ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाया कि वह 10 करोड़ रुपये लेकर टिकट बांट रहे हैं ।