Thursday, April 25, 2024

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सरकारी शिक्षकों के बाद सरकारी डॉक्टरों पर सीएम योगी का शिकंजा, बोले- निजी प्रैक्टिस बंद कर दें

अंग्वाल न्यूज डेस्क
सरकारी शिक्षकों के बाद सरकारी डॉक्टरों पर सीएम योगी का शिकंजा, बोले- निजी प्रैक्टिस बंद कर दें

लखनऊ। उत्तरप्रदेश की सरकार मनचलों और सरकारी शिक्षकों के बाद सरकारी डाॅक्टरों पर भी नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। कस्तूरबा गांधी मेडिकल काॅलेज यूनिवर्सिटी में 56 वेंटीलेटर सुविधाओं का लोकार्पण करने के बाद डाॅक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी डाॅक्टर निजी तौर पर प्रैक्टिस न करें। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में एम्स की तर्ज पर 6 अस्पताल खोले जाने की जरूरत बताया। सरकारी अस्पतालों में गरीब लोगों को भी इलाज मिल सके इसके लिए सस्ती दवाओं का विकल्प ढूंढ़ना होगा। 

विपक्ष पर किया जमकर वार

केजीएमयू में डाॅक्टरों को संबोधित करते हुए उन्होंने पूर्व की समाजवादी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने गोरखपुर के सभी अच्छे डाॅक्टरों को सैफई और कन्नौज भेज दिया। पिछली सरकार पर तंज करते हुए कहा कि उन्होंने हमें डाॅक्टरों की जगह बूचड़खाने दे दिए।

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नए मेडिकल काॅलेज खोलने पर जोर

राज्य की स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने राज्य में 25 नए मेडिकल काॅलेज खोलने की भी बात कही। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने सरकारी डाॅक्टरों से निजी प्रैक्टिस न करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एम्स जैसे 6 अस्पताल खोले जाने की आवश्यकता बताई। 


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टेस्ट के नाम पर लूट बर्दाश्त नहीं

योगी ने कहा कि यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए 5 लाख डाॅक्टरों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मकसद है  कि इलाज की सुविधा समाज के आखिरी व्यक्ति को मिले। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जांच के नाम पर मरीजों को लूटने के काम को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहरों में सिटी स्कैन के लिए हजारों रुपये लिए जाते हैं जबकि गोरखपुर में उनके द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में यह 500 से 600 रुपये में हो जाता है। मुख्यमंत्री ने डाॅक्टरों से संवेदनशील होने और मरीजों से बेहतर व्यवहार करने की भी अपील की।

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डाॅक्टर्स गांवों में करें प्रैक्टिस मुख्यमंत्री ने डाॅक्टरों को इस बात की भी सलाह दी कि सरकार के कानून बनाने से अच्छा है कि वे खुद ग्रामीण इलाकों में जाकर अपनी सेवाएं दें और गरीबों की दुआएं लें। उन्होंने कहा कि मैंने देखा है कि हर कोई शहर के मेडिकल काॅलेज में प्रैक्टिस करना चाहता है। वह पैसे लेकर दूसरी जगह प्रैक्टिस भी करता है। उन्होंने कहा कि अगर सभी डाॅक्टर ठीक से इलाज करें तो एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण हो सकता है।  

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