नई दिल्ली । महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद सरकार गठन की कवायद गति पकड़ती नजर नहीं आ रही है । इस सब के बीच जहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने अपनी पार्टी की आगे की रणनीति को लेकर सोमवार सुबह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की । वहीं शिवसेना भी अपनी रणनीति को तराशने में जुटी हुई है । इस सब के बीच एनसीपी नेता शरद पवार और सोनिया गांधी की मुलाकात होनी है, जिसमें शिवसेना के उन दावों पर भी मंथन किया जाएगा , जिसमें उन्होंने गैर भाजपा सरकार बनाने के संकेत दिए थे । अब ऐसे में इस बैठक पर भाजपा और शिवसेना की भी नजर जम गई है , जबकि भाजपा और कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना की गतिविधियों पर नजर जमाए हुए है ।
विदित हो कि विधानसभा चुनावों के नतीजों में भाजपा शिवसेना के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद , सरकार गठन के लिए कोई भी दल आगे आता नहीं दिख रहा । शिवसेना सीएम बनने के लिए 50-50 के फॉर्मूले को लेकर अड़ गई है , जिसके चलते ढाई -ढाई साल के कार्यकाल के लिए शिवसेना और भाजपा के मुख्यमंत्री तय हों । हालांकि भाजपा इस पर सहमत नहीं है ।
दरअसल, भाजपा के खिलाफ शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर महाराष्ट्र के नेता लगातार बयान दे रहे हैं । एनसीपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेताओं की तरफ से इस बात के संकेत भी दिए जा चुके हैं । रविवार को जहां एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कहा है कि शिवसेना का अगला मुख्यमंत्री होना मुमकिन है । साथ ही उन्होंने समर्थन के सवाल पर उन्होंने गेंद शिवसेना के पाले में डालते हुए कहा कि शिवसेना पहले अपनी भूमिका साफ करे, उसके बाद एनसीपी अपनी स्थिति भी स्पष्ट कर देगी।
वहीं शिवसेना भी कह चुकी है कि शिवसेना बिना भाजपा के सरकार बनाने और अपनी सीएम बनाने में सक्षम है । उनके पास 170 विधायकों का समर्थन है । हालांकि एनसीपी और कांग्रेस के रुख से ऐसा अभी होता नजर नहीं आ रहा है ।
बहरहाल, देवेंद्र फणनवीस और अमित शाह की मुलाकात के बाद संभावना जताई जा रही है कि सरकार गठन के लिए जल्द ही कोई ऐलान भाजपा की ओर से हो सकता है , वहीं सोनिया गांधी और शरद पवार के बीच होने वाली बैठक के बाद भी शिवेसना के पक्ष में कोई खबर आ सकती है ।