शिमला । हिमाचल प्रदेश में भाजपा को सत्ता से हटाकर सुबे की सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस ने सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार और लेटलतीफी पर कड़ा फैसला लिया है । प्रदेश का सीएम बनते ही सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने कड़ा फरमान जारी किया है । उन्होंने साफ कर दिया है कि प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में लेटलतीफी और भ्रष्टाचार (Corruption) को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । इसके अलावा, उन्होंने जल्द से जल्द ट्रांसपेरेंसी एक्ट (Transparency Act) लागू करने का भी आश्वासन दिया ।
बता दें कि सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया । अपने दफ्तर पहुंचे सीएम सुक्खू ने कहा कि आज वह मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं । सभी विधायक, डिप्टी सीएम और पार्टी के सभी सीनियर नेता राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करेंगे । जहां तक मंत्रिमंडल की बात है, कांग्रेस आलाकमान से चर्चा करके जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी ।
इस दौरान उन्होंने साफ संदेश दिया कि मैं सरकारी दफ्तरों में लेटलतीफी और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करूंगा । सरकारी कामकाजों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए ट्रांसपेरेंसी एक्ट लागू किया जाएगा, जिससे कि सभी सरकारी योजनाएं और कामों को समय पर पूरा किया जा सके । इसके अलावा सीएम सुक्खू ने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाएगा । पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा - मेरी पार्टी ने 10 गारंटी दी हैं और सरकार उनको लागू करेगी । सीएम ने कहा, ''हम पारदर्शी और ईमानदार सरकार चलाएंगे । पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) को लागू किया जाएगा ।
विदित हो कि कांग्रेस ने अपनी चुनावी रैली के दौरान पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने का वादा किया था । हिमाचल प्रदेश में 2.5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से करीब 1.5 लाख नई पेंशन योजना के तहत आते हैं । 1 अप्रैल 2004 से देश में पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया गया था, जिसमें सरकार पेंशन का पूरा पैसा देती है ।
इसके अलावा, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने एक चुनौती यह भी होगी को वह कांग्रेस के किए गए सभी वादों को पूरा कर सकें. इसमें 300 यूनिट फ्री बिजली समेत 10 गारंटी शामिल हैं ।