मुंबई । महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन से पहले भाजपा और शिवसेना के बीच गतिरोध बढ़ता नजर आ रहा है । असल में सरकार के लिए 50-50 कार्यकाल के फॉर्मूले को लेकर दोनों ही दलों के बीच कुछ मतभेद उभर आए हैं । सीएम मद को लेकर जारी खींचतान के बीच भाजपा के लिए एक अच्छी खबर यह है कि महाराष्ट्र के एक और विधायक ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है । जन सुराज्य पार्टी के नेता विनय कोरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर समर्थन की बात कही है । इससे पहले युवा स्वाभिमानी पार्टी के रवि राणा, निर्दलीय विधायक गीता जैन, राजेंद्र राउत, महेश बलड़ी और विनोद अग्रवाल ने सीएम से मुलाकात की और समर्थन की घोषणा की थी । इन 6 विधायकों के समर्थन के साथ ही भाजपा को अब 111 विधायकों का समर्थन हासिल है ।
विदित हो कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच 2 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है । इनमें निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल और महेश बालदी हैं , जिन्होंने मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस और भाजपा को अपना समर्थन देने की बात कही है ।
वहीं जहां एक ओर निर्दलीय विधायक भाजपा के समर्थन में आ रहे हैं वहीं कुछ निर्दलीय विधायक शिवसेना के साथ भी खड़े होते नजर आ रहे हैं। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के नेवासा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक शंकर राव गड़ाख ने शिवसेना को समर्थन दे दिया । महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी । वहीं भाजपा ने कुल 105 सीटें जीती ।
बता दें कि हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा शिवसेना गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन तो किया लेकिन अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराने से चूक गए । इस सब के बीच राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए 50-50 कार्यकाल का फॉर्मूला दोनों दलों के लिए गतिरोध का कारण बन गया है । शिवसेना का कहना है कि गठबंधन के दौरान भाजपा ने दोनों दलों के सीएम बनने की बात कही थी । इसमें ढाई - ढाई साल का कार्यकाल दोनों दलों के नेता बतौर सीएम गुजारेंगे , लेकिन सरकार के लिए समर्थन से पहले शिवसेना ने कहा कि उसे इस बात लिखित आश्वासन चाहिए, तभी वह समर्थन पर आगे बढ़ेगा ।