कानपुर । हत्या के एक मामले में यूपी के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस पर बदमाशों ने चारों ओर से घेरकर अंधाधुंध फायरिंग की । इस घटना में यूपी पुलिस के एक डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिकर्मी शहीद हुए । इस सबके बाद अब आरोप लग रहे हैं कि चौबेपुर पुलिस स्टेशन के एक एसओ ने पुलिस की इस रेड की जानकारी पहले ही हिस्ट्रीशीटर को दे दी थी , जिसके चलते उसने अपने 8 साथियों को मरवाने में अहम भूमिका निभाई । इस समय चौबेपुर पुलिस स्टेशन के एसओ विनय कुमार पर ये सब गंभीर आरोप लग रहे हैं। इसके साथ ही एक कांस्टेबल और एक होमगार्ड से भी पूछताछ की जा रही है । इलाके के पुलिस महकमे में अब बात उठ रही हैं कि विनय कुमार ने ही अपने साथियों के बारे में विकास को जानकारी देकर उन्हें मरवाया है ।
बता दें कि कानपुर शूटआउट में विकास दुबे को पुलिस टीम के आने की जानकारी पहले से ही लग गई थी । इसलिए उसने पुलिस के वाहन को अंदर तक न आने देने के मकसद से बीच रास्ते में ही जेसीबी लगा दी थी । इसके साथ ही अपने बदमाशों को घरों की छत पर तैनात कर दिया । इसके बाद जैसे ही पुलिस की टीम उसके घर पहुंची , बदमाशों ने चारों ओर से घेरकर पुलिसवालों पर अंधाधुंथ फायरिंग कर दी । जो पुलिसकर्मी बचकर भागता दिखाई दिया , उसे वहीं गोली मारी गई । इस दौरान बदमाशों ने AK-47 जैसे हथियारों का भी इस्तेमाल किया ।
इस घटना में अब चौबेपुर थाने के एसओ की साजिश बताई जा रही है । विकास दुबे ने इस घटना से पहले और बाद जिन लोगों से बात की है उसमें एसओ विनय समेत कई अन्य पुलिसवालों के नाम शामिल हैं । बताया जा रहा है कि कई पुलिसवाले काफी समय से इसके संपर्क में थे ।
शुक्रवार रात पुलिस की करीब बीस टीमें अलग अलग जिलों में विकास दुबे की तलाश में दबिश देता रही. ये वो जगहें थी, जहां पर विकास दुबे के रिश्तेदार और परिचित रहते हैं । पुलिस ने इस मामले में 12 और लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है । पुलिस ने इन लोगों को मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर उठाया है ।
वहीं इस घटनाक्रम को लेकर नए नए खुलासे भी हो रहे हैं । जांच टीम को नए सुराग भी मिल रहे हैं । विकास दुबे की कॉल डिटेल खंगालने पर उसमें कुछ पुलिसवालों के भी नंबर मिले हैं, वहीं अब पुलिस को एक गाड़ी का नंबर भी मिला है । इस वाहन नंबर के सहारे भी जांच टीम को कुछ जानकारी हाथ आने की उम्मीद है । बताया जा रहा है कि मुठभेड़ में शहीद हुए एक सिपाही ने दम तोड़ने से पहले अपनी हथेली पर यह वाहन नंबर लिखा था । उम्मीद जताई जा रही है कि शहीद सिपाही ने हथेली पर वाहन नंबर इसलिए लिखा होगा ताकि बाद में जांच के दौरान पुलिस को कुछ पता चल सके ।