बेंगलुरु । कोरोना महामारी के बीच देश में पिछले 35 दिनों से लॉकडाउन जारी है । देश का पूरी दुनिया इस समय ठहरी हुई है , जिसके चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक मंदी भी शुरू हो गई है । भारत भी इससे अछूता नहीं है । भारत में भी आर्थिक चुनौतियां सामने आने लगी हैं। देश में उद्योगों और मल्टीनेशनल कंपनियों ने इस मंदी के चलते अपने स्टाफ को निकालना शुरू कर दिया है । इस सबके बीच खबर कर्नाटक के आबकारी विभाग की सामने आई है , जहां हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि अब विभाग के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने तक का फंड नहीं है । राज्य के आबकारी मंत्री एच. नागेश ने इस स्थिति पर काफी चिंता जताते हुए कहा है कि विभाग के हालात काफी नाजुक हैं और सैलरी व दूसरे खर्चे उठाने तक के लिये पैसा नहीं बचा है ।
विदित हो कि देश में गत 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है । तब से अब तक देश में शराब की बिक्री बंद है । देश के सभी राज्यों में बार और पब भी बंद हैं । ऐसे में शराब की बिक्री बंद होने से कर्नाटक सरकार को हर महीने 1800 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है । आबकारी मंत्री नागेश ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भी इस संबंध में जानकारी दी है । आबकारी मंत्री ने बताया, 'मैंने मुख्यमंत्री से कहा है कि 3 मई के बाद हमें थोड़ी छूट देनी चाहिये । सीएम ने मुझसे कहा है कि हालात देखेंगे और फिर कोई फैसला लिया जाएगा । सीएम ने भी दुकानें खोलने में रूचि दिखाई है , क्योंकि हमें सैलरी देने और दूसरे खर्चों के लिये पैसों की जरूरत है । हमारा खजाना खाली हो गया है , मुझे यकीन है कि राहत दी जायेगी ।
हालांकि सोमवार को पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कर्नाटक में यथास्थिति जारी रखने का फैसला लिया है । यानी प्रदेश में अभी शराब की दुकानें नहीं खुलने जा रही हैं। लेकिन प्रदेश के लोगों के साथ अब मंत्रियों को भी लॉकडाउन 2 खत्म होने के बाद कुछ राहत मिलने की उम्मीद है ।