पटना । बिहार विधानसभा चुनावों से पहले एनडीए गठबंधन के सहयोगी दल ही अब अपनों पर सियासी तीर मारते नजर आ रहे हैं । ताजा घटनाक्रम में अब लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है । गठबंधन के साथी होने के बावजूद चिराग ने नीतीश कुमार को लिखी एक चिट्ठी में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों से वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है । उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों के परिजन को सरकारी नौकरी देने का नीतीश का फैसला और कुछ नहीं, बल्कि चुनावी घोषणा है । चिराग के इस बयान पर जदयू बिफर गई है । इस दौरान जदयू नेता ने बयान दिया कि हमारा गठबंधन भाजपा के साथ है , एलजेपी के साथ नहीं ।
बता दें कि इन दिनों बिहार में विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं । पिछले ही दिनों एनडीए के पूर्व साथी जो भाजपा का साथ छोड़कर विरोधी खेमे में चले गए थे , उन्होंने वापस एनडीए की ओर रुख किया है ।
इस सारे घटनाक्रम के बीच एलजेपी के नेता चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को एक खुल्ली चिट्ठी लिखते हुए उनपर दलितों की अनदेखी का आरोप लगाया है । चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 'एससी या एसटी समाज का कहना कि इसके पूर्व 3 डिसमिल जमीन देने का वादा भी नीतीश सरकार ने किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ । इससे एससी या एसटी समाज को निराशा प्राप्त हुई थी। एससी या एसटी ही नहीं बल्कि किसी वर्ग के व्यक्ति की हत्या न हो, इस दिशा में भी कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
चिराग पासवान के इस ''चिट्ठी बम'' से जदयू बौखला गई है । जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने चिराग पासवान की इस चिट्ठी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें पहले तो अपने भद्दे बयानों से बचना चाहिए । अगर वह खुद को एनडीए का हिस्सा मानते हैं तो वह नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी न करें । हमारा गठबंधन वैसे भी भाजपा के साथ है , एलजेपी के साथ नहीं ।
वहीं केसी त्यागी ने चिराग की चिंता का मूल कारण जानते हुए कहा कि जीतनराम मांझी पहले भी एनडीए का हिस्सा थे, अब चिराग को आपत्ति क्यों है। इस सबसे इतर सीएम नीतीश कुमार ने अपने वर्चुअल रैली के जरिए चुनावी अभियान की शुरुआत भी कर दी है ।