भोपाल । मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच गुरुवार देर शाम सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका देते हुए आज शाम 5 बजे बहुत साबित करने के लिए हाथ उठाकर फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दिया है । इस सब के बीच सुबह पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सरेंडर करने के संकेत दिए । इसके बाद ऐसी खबरें आ रही हैं कि बागी विधायकों के किसी भी सूरत में वापस लौटकर कांग्रेस में न आने के बाद बहुमत के आंकड़े से बहुत दूर होने पर कमलनाथ फ्लोर टेस्ट से पहले अपने सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं ।
इस पर अंतिम फैसला लेने से पहले इस समय कमलनाथ , दिग्विजय सिंह और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं । ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस एक पत्रकार वार्ता करके अपनी सरकार के गिरने का ऐलान कर सकते हैं । इससे इतर भाजपा के विधायक दल की बैठक भी शुरू हो गई है , जिसमें अपनी सरकार को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है ।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार पर छाए सियासी बादल आप सरकार गिरने के साथ ही बरस जाएंगे । अभी तक के मौजूदा हालात से साफ हो गया है कि कमलनाथ सरकार का शुक्रवार को आखिर दिन है । बागी विधायकों ने भी साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस के साथ जाने को तैयार नहीं हैं। वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ खड़े हैं और वो जैसा आदेश करेंगे उसका अनुपालन करेंगे ।
इससे साथ ही खुद कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि कुछ देर बाद कमलनाथ मीडिया को संबोधित करेंगे , जिसमें सभी कांग्रेसी विधायक मौजूद होंगे , लेकिन मंच पर सिर्फ कमलनाथ ही होंगे ।
इससे इतर , सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगने के बाद देर रात को मध्य प्रदेश विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए. इसके पहले 6 अन्य विधायक भी इस्तीफा दे चुके थे । यानी कुल 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है । इन इस्तीफों के बाद अब कमलनाथ सरकार के पास गठबंधन सहित कुल 99 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 107 विधायक हैं। जबकि सदन में बहुमत साबित करने के लिए 104 के आंकड़े की जरूरत है ।