मुंबई । महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी सियासी उठापटक के बीच भाजपा शिवसेना के गठबंधन के बीच जारी रार अभी भी बरकरार है । महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शनिवार को खत्म हो रहा है, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि आखिर कौन दल और गठबंधन सरकार गठन के लिए राज्यपाल के पास जाकर दावा पेश करने वाला है । ऐसा न होने की सूरत में जहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है, वहीं शिवसेना अभी भी सीएम पद के लिए 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी है । शिवसेना जहां सीएम पद से कम पर मानने को राजी नहीं हो रही है , वहीं भाजपा भी झुकने को तैयार नहीं है । इस सब के बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है । इसी क्रम में उनके कुछ विधायक राजस्थान पहुंच गए हैं । इस सब के बीच अब सियासी जानकारी राज्य मे जोड़ तोड़ तेज होने के कयास लगा रहे हैं । इनका कहना है कि मौजूदा सियासी घटनाक्रम और हालात से सहमति से सरकार बनती नजर नहीं आ रही है ।
शिवसेना विधायक होटल में
शिवसेना विधायक दल की गुरुवार को हुई बैठक के बाद पार्टी ने अपने विधायकों को होटल में ही ठहरने को कहा है । वही विधायकों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी शहर छोड़कर बाहर नहीं जाएगा । शिवसेना को भी अपने विधायकों को टूटकर भाजपा में चले जाने का डर सता रहा है । शिवसेना ने तो अपने विधायकों को मुंबई के रंगशारदा होटल में रख दिया है ताकि किसी भी तरह की खरीद फरोख्त से वो बच सकें । इसी के चलते देर रात आदित्य ठाकरे रंगशारदा में विधायकों से मिलने पहुंचे ।
भाजपा राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है - राउत
शिवसेना ने साफ कर दिया कि बीजेपी राज्य में राष्ट्रपति शासन की कोशिश में हैं । शुक्रवार सुबह प्रेस कांफ्रेंस में शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी । हालांकि सभी शिवसेना विधायक अभी होटल मे जमे हैं ।
कांग्रेस बोली- भाजपा हमारे विधायकों को फोन कर रही
इस सब के बीच शुक्रवार दोपहर कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाए कि उनके विधायकों को पैसों का लालच देकर तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है । पार्टी के कई विधायकों को इस तरह के फोन आए हैं । ऐसे में पार्टी ने ऐसी कॉल को रिकॉर्ड करने के लिए कहा है । इस सब के बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के कई विधायक राजस्थान पहुंच गए हैं । हालांकि पार्टी का कहना है कि वो घूमने गए हैं ।
फणनवीस का फोन नहीं उठा रहे ठाकरे
इस सब से इतर , मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के चल रहे गतिरोध के बीच मामले को सुलझाने के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कई बार उद्धव ठाकरे से बातचीत करने की कोशिश की है । सूत्रों की मानें तो फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को तीन बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया । दरअसल, उद्धव देवेंद्र फडणवीस के नाम पर किसी भी तरह विचार करने को तैयार नहीं हैं । ठाकरे पहले भी कह चुके हैं कि अगर भाजपा को सीएम पद पर 50-50 वाला फॉर्मूला मंजूर हो तो ही बात करें ।