लखनऊ । लोकसभा चुनावों में सपा-बसपा के गठबंधन को तो सफलता नहीं मिली , लेकिन अगर बात बहुजन समाज पार्टी की करें तो उसे जरूर लाभ हुआ । पार्टी शून्य से 10 के आंकड़े पर पहुंच गई है । दोनों ही दलों के नेताओं ने इस गठबंधन को लेकर बयान दिए । मायावती ने तो यहां तक कह दिया कि अगर सपा ने अपना व्यवहार और कार्यशैली नहीं बदली तो उनके रास्ते आगे अलग अलग होंगे । हालांकि अब आंकड़ों में सामने आ रहा है कि बसपा के वोट सपा की तरफ नहीं गया। इस सब के बीच अब 'बुआ' मायावती ने 'बबुआ' अखिलेश यादव को उपचुनावों में एक ओर पटखनी देने की रणनीति बनाई है । सूत्रों के अनुसार , बसपा सुप्रीमो की रणनीति है कि वह आगामी विधानसभा के उपचुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर लोकसभा चुनावों की तरह यूपी में अपने नंबर-2 होने की हैसियत बरकरार रखना चाहिए, जिसका लाभ उसे 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में मिलेगा ।
मायावती बढ़ाना चाहेगी अपने विधायकों की संख्या
403 सीटों पर हुए यूपी विधानसभा चुनावों में बसपा को महज 19 सीटें मिली थीं । पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर और सपा-कांग्रेस गठबंधन से अकेले लोहा लेकर भी मायावती ने अपने वोट बैंक बचाए रखा था । ऐसे में विधानसभा उपचुनावों में एक बार फिर मायावती अकेले मैदान में उतरने की रणनीति बना रही हैं। मायावती अपने विधायकों की संख्या बढ़ाना चाहती हैं, इसी के चलते वह चाहती है कि 11 सीटों में से 4 से 5 सीटों पर उनका कब्जा हो। लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा के उपचुनाव में भी बसपा (BSP) के लिए हारने को कुछ है नहीं । लेकिन पाने के लिए लोकसभा चुनावों की तरह सीटें । ऐसे में बसपा ने गठबंधन के बैगर ही उपचुनाव में अकेले हाथ अजमाने की सोची है ।
उपचुनाव तय करेंगे बसपा की आगे की रणनीति
असल में विधानसभा चुनावों में अपने दम पर 19 सीटें पाने वाली बसपा ने अपने वोट बैंक को तो बताया हो, लेकिन राज्य में उनकी हैसियत कम हो गई थी । गत लोकसभा चुनावों में गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरने से उन्हें 10 सीटों पर जीत मिली । हालांकि मायावती सपा पर आरोप लगाती रही कि उनके कार्यकर्ताओं ने साथ नहीं दिया । इन बातों के साथ ही मायावती ने जहां उपचुनावों में अकेले लड़ने और आगे सपा के साथ गठबंधन जारी रखने संबंधी सभी विकल्प खुले रखे हैं । लेकिन यह बात सही है कि आगामी उपचुनाव तय कर देंगे कि बसपा को आगे की राजनीति अकेले करनी है या गठबंधन के साथ ।
सभी सांसदों को 2022 के लिए जुटने को कहा
देश की राजनीति की गति और दिशा - दशा के लिए आगामी 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव एक अहम कड़ी साबित होंगे । यूपी में जो योगी सरकार को झटका देगा , वह विपक्ष के बड़े नेता के रूप में उभरेगा । यही कारण है कि मायावती ने अपने सभी 10 सांसदों को आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट जाने को कहा है । इस सब के बीच राजनीति दल अपनी कार्यशैली और गठबंधन की ताकत को लेकर समीक्षा कर रहे हैं।