मुंबई । लॉकडाउन -1 की समयसीमा खत्म होने पर मंगलवार को मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा होने के मामले की जांच तेज हो गई है । इस मामले में पुलिस ने मजदूरों को गुमराह करने वाले एक शख्स विनय दुबे को हिरासत में लिया है । उसपर आरोप है कि उसने ही मजदूरों को भड़काया था , जिसके बाद तेजी से बात फैली और इन मजदूरों ने अपने घर जाने के लिए स्टेशन की ओर अपना रुख किया । जानकारी के मुताबिक - विनय दुबे 'चलो घर की ओर' कैंपेन चला रहा था । अपने फेसबुक पर शेयर किए गए पोस्ट में उसने टीम के बांद्रा में होने की बात कही थी , इस मामले में पुलिस ने एक हजार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है । दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 117, 153 ए, 188, 269, 270, 505(2) और एपिडेमिक एक्ट की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है ।
विदित हो कि मंगलवार को लॉकडाउन की समयसीमा खत्म होने के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि रेलवे अपनी सेवाएं शुरू कर सकती है । ऐसे में मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी , ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे । भारी संख्या में जुटी भीड़ को स्टेशन से हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
लेकिन इस घटना पर अब पुलिस विभाग सक्रिय हो गया है , उसने मजदूरों को घर जाने के लिए उकसाने के आरोप में विनय दुबे नाम के शख्स को हिरासत में लिया है । वहीं इस घटना पर गृह मंत्री अमित शाह ने चिंता जताई है । उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई के बीच ये ठीक नहीं है । इस संबंध में उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे से फोन पर बातचीत की । वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार इन मजदूरों का इंतजाम करेगी । उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है ।
इस घटना पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया और केंद्र सरकार पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि सूरत में हाल में कुछ मजदूरों ने दंगा किया था । केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले पाई । आदित्य ठाकरे ने कहा कि प्रवासी मजदूर खाना और शेल्टर नहीं चाहते हैं, वे घर जाना चाहते हैं ।